सड़क ही नहीं रेल यातायात के लिए भी खतरा बने मवेशी
00 रेलवे ने अभियान चलाया
बिलासपुर । सड़क में घूमने वाले मवेशी सड़क मार्ग से यात्रा करने वालो के लिए हर मौसम में समस्या है किंतु बारिश के मौसम में रेलवे के लिए गंभीर समस्या हो गई है। हरे चारा व यात्रियों द्वारा ट्रैक पर फेंके गए खाद्यान्न के लालच में आकर मूक मवेशी अपनी जान गवाने के अलावा रेल यातायात को बाधित कर रहे। रेल प्रशासन ने इस समस्या से निपटने जागरूकता अभियान चलाया है।
रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आ जाने और दुर्घटनाग्रस्त होने से मवेशी की जान जाती है और मवेशी मालिक को आर्थिक नुकसान होता है । मवेशी से टकराने के फलस्वरूप रेल के इंजनो में भी टूट-फूट होती है और इंजन फेल्योर के सर्वाधिक मामले भी इसी वजह से दर्ज की जाती है । इसके अतिरिक्त इस प्रकार की घटनाओं से ट्रेनों की समयबद्धता सर्वाधिक प्रभावित होती है, ट्रेनें बेवजह लेट हो जाती है ।
रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की रोकथाम के लिए रेल प्रशासन द्वारा समय-समय जागरूकता अभियान चलाया जाता है । इसके तहत रेलवे ट्रैक के आसपास के निवासियों एवं गांवो में मवेशियों के मालिकों को इससे होने वाले नुकसानों और कानूनों की समझाइश दी जाती है । इस विषय पर रेल प्रशासन ट्रेनों के यात्रियों के बीच भी जागरूकता अभियान चलाती है, जिसमें यात्रियों को समझाइश दी जाती है कि खाने-पीने की वस्तुएं, फलों के छिलके आदि ट्रैक पर ना फेकें डस्टबीन में ही डालें, क्यूकि इन वस्तुओं से ना सिर्फ आसपास गंदगी फैलती है बल्कि इनको खाने के लालच में पशु, मवेशी रेल ट्रैक पर आकर दुर्घटना के शिकार हो सकते है । इस तरह के मामले मे रेलवे अधिनियम 1989 की धाराएँ 153 और 154 के तहत जुर्माना या कारावास या दोनों का प्रावधान है तथा इस प्रकार के मामले की पुनरावृति होने पर दोषी के खिलाफ अधिकाधिक अर्थदंड एवं कठोर कार्यवाही हो सकती है । रेल प्रशासन नागरिकों से अनुरोध करती है कि अपने पालतु पशु, मवेशियों को रेलवे ट्रैक के आसपास ना आने देकर रेल प्रशासन का सहयोग करें ।