बिलासपुर। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा प्रदेश में क्या हो रहा दुष्कर्म पीड़िता दलित महिला के पूरे परिवार के खिलाफ 8 आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया। अब पूरा परिवार जीवन भर मुकदमा लड़ेगा। यह पावर का मिसयूज है। एजी साहब आप इसे खुद देखे। कोर्ट ने दलित महिला और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज आठ एफआईआर पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने और जिला कोर्ट में चल रहे सभी ट्रायल पर भी रोक लगा दी है।
बिलासपुर जिले की रहने वाली दलित विवाहित महिला ने सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2018 से 12 दिसंबर 2019 के बीच रायपुर के न्यू कालोनी टिकरापारा निवासी आरोपी पियूष तिवारी (35) ने खुद को अविवाहित और डीएसपी बताकर शादी करने का प्रलोभन देकर उसके साथ दुष्कर्म किया,जब पीड़िता को पता चला कि आरोपी न तो डीएसपी है और न ही अविवाहित है तब उसने संबंध खत्म कर लिया और उसके खिलाफ दुष्कर्म के साथ ही एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया। इसके बाद आरोपी पियूष तिवारी और उसके मित्र अरविंद कुजूर (आईपीएस) ने आरोपी महिला को धमकी दी कि, वह उसे किसी भी केस में फंसा सकते हैं और केस वापस लेने का दवाब बनाया, तब पीड़िता अपने घर चली गई और वर्ष 2018 में इंदौर में शादी कर ली। शादी का पता चलने पर पियूष तिवारी ने कुम्हारी पुलिस थाने में धोखाधड़ी का झूठा केस दर्ज करावाया और महिला के पिता, भाई और पति को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया। याचिका के मुताबिक इसमें उसके मित्र अरविंद कुजूर (आईपीएस) ने पूरी मदद की और अपने प्रभा व का उपयोग किया। बाद में आरोपी पियूष तिवारी इस फर्जी मुकदमा के माध्यम से पीड़िता पर केस वापस लेने दबाद बनाया। इसी बीच विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी रायपुर ने आरोपी को एट्रोसिटी एक्ट में सजा सुनाई। सजा होने के बाद आरोपी ने अपने आईपीएस मित्र की सहायता से पीड़िता के परिवारवालों के खिलाफ विभन्न थानों में 8 मुकदमा दर्ज कराया है। इसके खिलाफ पीड़िता व उसके परिवार वालो ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को गभीरता से लेते हुए महाधिवक्ता को कहा प्रदेश में क्या हो रहा, यह पावर का मिसयूज हो रहा है। आप चीफ सैकेट्री व पुलिस विभाग के चीफ से बात कर जवाब दे। ऐसा नही चलेगा। इसके साथ कोर्ट ने पीड़िता व उसके परिवार के खिलाफ चल रहे सभी मुकदमो की कार्रवाई पर रोक लगाई है। कोर्ट ने उत्तरवादी आईपीएस अरविंद कुजूर सहित सभी पक्षकार को नोटिस जारी किया है। पीड़ित परिवार की ओर से अधिवक्ता अमन सक्सेना पैरवी का रहे है।