जिला न्यायपालिका भारतीय न्यायप्रणाली की नींव-जस्टिस गवई
बिलासपुर। जिला न्यायपालिका न्यायिक प्रणाली की रीढ और आधार है। बिना मजबूत जिला न्यायपालिका के मजबूत न्यायिक प्रणाली की कल्पना नहीं किया जा सकता है। उक्त बातें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में 28 जुलाई को जिला न्यायपालिका के समक्ष चुनोतियाँ व भूमिका विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कांफ्रेंस को मुख्य अतिथि के आसंदी से संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने अपने उदबोधन जिला न्यायपालिका के महत्व को रेखाकित करते हुए व्यक्त की सभी न्यायाधीश एक न्यायिक परिवार है और में कोई अधीनस्थ नहीं है। जिला न्यायपालिका न्यायिक प्रणाली की रीढ़ और आधार है। वर्तमान परिस्थितियों में आधुनिक तकनीकी जिला न्यायपालिका के लिए आवश्यक है। धीरे धीरे न्यायपालिका को वर्चुवल कोर्ट की तरफ जाना है। इस लिए आधुनिक तकनीकी ज्ञान व संसाधनों से सुसज्जित होना आवश्यक है। उन्होंने ने न्यायाधीशों के गुण के संबंध में कहा कि न्यायाधीश को शिष्टता के साथ सुनाई करनी चाहिए, बुद्धिमत्ता के साथ उत्तर देना चाहिए, सौम्यता के साथ विचार करना चाहिये और निष्पक्षता के साथ निर्णय करना चाहिये। न्यायाधीशों को सामाजिक आर्थिक न्याय पर बल देना चाहिए। जेल में निरुद्ध बंदियों की संख्या व सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में लंबित जमानत आवेदनों के संदर्भ में कहा बंदियों को जमानत देना एक नियम है, जबकि जमानत निरस्त करना एक अपवाद है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा न्यायाधीश का आचरण कोर्ट के अंदर महत्वपूर्ण होता है, एक न्यायधीश को कोर्ट में बोलते हुए बहुत सतर्क रहना चाहिए। न्यायाधीशगण का कार्य दैवीय कृत है, इसका बहुत सतर्कता, सावधानी व न्यायसंगत तरीके से निर्वहन किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा एक सशक्त व निडर जिला न्यायपालिका ही जमीनी स्तर पर लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और न्याय प्रदान करने में सक्षम होगा। न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास को संरक्षित करने, समय पर न्याय प्रदान करने में जिला न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण में अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा सभी के सामूहिक प्रयास से हम एक सशक्त व प्रभावी जिला न्यायपालिका को सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कांफ्रेंस अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा और हम लोग चुनोतियो से निपटने में सक्षम होंगे। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कांफ्रेंस में आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल, जस्टिस पीपी साहू, जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस दीपक तिवारी, रजिस्ट्री के अधिकारी जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण बड़ी संख्या में शामिल हुए।