रिटायरमेंट के 11 वर्ष बाद भी पेंशन ग्रेच्यूटी राशि का भुगतान नहीं
संयुक्त संचालक शिक्षा को तीन माह में प्रकरण निराकृत करने का आदेश
बिलासपुर । शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त लेखपाल को रिटारमेंट के 11 वर्ष बाद भी पेंशन व ग्रेच्यूटी राशि का भुगतान नहीं किये जाने को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर तीन माह के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता तालापारा निवासी अब्दुल समद खान की
12 मई 1976 को लोक शिक्षण संचालनालय संभागीय शिक्षा अधीक्षक बिलासपुर में निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर नियुक्ति हुई थी। 24 नवंबर 1976 को उच्च श्रेणी लिपिक तथा 5 जून 1993 को लेखापाल के पद पर पदोन्नति दी गई। अगस्त 2010 में शासकीय हाई स्कूल सारधा विकासखंड बिल्हा जिला बिलासपुर में पदस्थ किया गया। अगस्त 2013 में सेवानिवृत हुए। रिटायर होने के 11 वर्ष बाद भी पेंशन व ग्रेच्यूटी राशि का भुगतान नहीं होने पर उन्होंने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका पेश की। याचिका में कहा गया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा यह कह कर टाला जाता रहा कि आप सेवा काल के दौरान लंबी अनुपस्थित में होने के कारण आपका पेंशन प्रकरण का निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है । प्रकरण का निराकरण होने के बाद सेवाकाल की ग्रेच्यूटी की राशि एवं रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले अन्य मदों की राशि का भी भुगतान करने का आश्वासन दिया गया, किन्तु 11 वर्ष बाद भी मामले को निराकृत नहीं किया गया है। याचिका में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की पीठ में सुनवाई हुई। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए
संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर को याचिकाकर्ता द्वारा पेंशन, सेवा अवधि के विभिन्न मदों की राशि का एवं ग्रेच्यूटी की राशि का भुगतान प्राप्त करने प्रस्तुत अभ्यावेदन का 3 माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
