जानें रेल पटरी के बारे में ; रोचक तथ्य
*रेल की पटरियाँ लेती है साँसे…*
बिलासपुर । जी हाँ आपने सही सुना, रेल की पटरियाँ भी लेती है साँसे । रेल पटरी, जिसका नाम अंग्रेजी में रेल है परंतु आमजन इसे रेल पटरी के नाम से ही संबोधित करते है । वैसे तो सम्पूर्ण रेलवे प्रणाली के साथ ही ट्रेन को भी रेल के नाम से संबोधित किया जाता है । रेल पटरी का मुख्य कार्य ट्रेनों के पहियों को चलने के लिए रास्ता प्रदान करना है । रेल पटरी की लंबाई 260 मीटर तक होती है एवं इसे रेल लाइन पर ले जाने के लिए के लिए लंबी लंबी ट्रेन में स्टैक लोडिंग कर ले जाई जाती है ।
वैसे तो दिखने में कठोर दिखती है रेल की पटरियाँ पर होती बहुत लचीली है । रेल की पटरियाँ साँसे भी लेती है, ठंड के दिनों में पटरियों की लंबाई घटती है एवं गर्मियों में पटरियों की लंबाई अपेक्षाकृत बढ़ जाती है । रेल की पटरियों की लंबाई घटने बढ्ने अर्थात सांस लेने को नापते हैं ‘एसईजे’ अर्थात स्विच ज्वाइंट द्वारा । एसईजे एक जोड है जो लंबी रेल (लॉन्ग वेल्डेड रेल/एलडबल्यूआर) के प्रत्येक सिरे पर लगा होता है तथा रेल को तापमान परिवर्तन के कारण फैलने और सिकुडने की स्वीकृति देता है । बड़ी बड़ी सवारी गाड़ियों और लंबी लंबी मालगाड़ियों सभी का लोड वहन करने का काम करती है रेल की पटरियाँ । स्टील के बने होने और खुले वातावरण में होने के कारण रेल की पटरियों का औसत तापमान गर्मी के दिनों में अधिक एवं सर्दियों में औसत से कम हो जाता है । गर्मी के दिनों में तापमान के बढ़ने और लोड वहन करने के कारण स्वरूप रेल की पटरियों में तनाव उत्तपन्न होता है और उसकी लंबाई बढ़ जाती है । ठंड के दिनों में तापमान की कमी के कारण कई बार पटरियों की लंबाई घट जाती है । इसलिए रेल लाइन में तनाव या रेल फैक्चर ना हो, इसके लिए रेल पटरी का इलाज भी किया जाता है । रेल की पटरियों को तनावमुक्त करके अर्थात पटरियों और रेल के बीच लगे हुए पिनों को खोलकर रेल की ‘डिस्ट्रेसिंग’ की जाती है । रेल की डिस्ट्रेसिंग वह कार्य है जो वांछित/निर्धारित रेल तापमान पर पटरियों में लगने वाले प्रतिबल युक्त दशाओ को रेलटेंसर के साथ सामंजस्य बिठाते हुए पटरी को तनावमुक्त किया जाता है ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के परिक्षेत्र में ही स्थित भिलाई स्टील प्लांट सबसे लंबी रेलवे ट्रैक (260 मीटर) का भारतीय रेलवे का एक बड़ा सप्लायर है । भिलाई स्टील प्लांट में यूनिवर्सल रेल प्लांट की शुरुआत की गई है जो कि भारतीय रेल के लिए 260 मीटर लंबी रेल की मांग की आपूर्ति को सुनश्चित कर रही है । एक रोचक तथ्य यह भी हो सकता है यदि यूनिवर्सल रेल प्लांट भिलाई 260 मीटर लंबी रेल का 130 पैनल/प्रतिदिन निर्माण करती है, तो उसे पृथ्वी के डायमीटर लगभग 12756 किलोमीटर पर रेल बिछाने में लगभग 2 वर्ष के समय लगेंगे ।

kamlesh Sharma

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