असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति पर लगी रोक समाप्त
00 उपयुक्त अभ्यर्थियों को 60 दिन में नियुक्त करने का निर्देश
बिलासपुर । जस्टिस एन के व्यास की पीठ ने सहायक प्राध्यापक नियुक्ति पर लगी रोक को समाप्त किया है। कोर्ट ने उपयुक्त अभ्यर्थियों को 60 दिवस के अंदर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।
पीएससी द्वारा आयोजित असिस्टैंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के बाद दृष्टि बाधित अभ्यर्थी ने आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर याचिका पेश की थे । इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, कोर्ट ने माना कि आरक्षण रोस्टर का पूरा पालन कर ही भर्ती पक्रिया की गई , जिसमें दृष्टिबाधितों के लिए पदों का आरक्षण शामिल नहीं था।
भगदोला तहसील पुसौर जिला रायगढ़ निवासी सरोज क्षमानिधि दृष्टि बाधित हैं। इन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टैंट प्रोफ़ेसर पद की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया। 8 जनवरी 2021 को इसका विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसमें विकलांगता अधिनियम 2016 के अंतर्गत एक हाथ , एक पैर से विकलांग लोगों समेत अन्य को मिलाकर कुल 11 पदों को सुरक्षित रखा गया था ।लिखित परीक्षा और इंटरव्यू आदि के बाद भी विकलांग श्रेणी के आधार पर इनका चयन नहीं किया गया । इसके बाद इन्होने संविधान के आर्टिकल 226 के तहत दृष्टिबाधितों को भी 2 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की । जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच में इस पर गत 25 फरवरी 2025 को अंतिम सुनवाई की गई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इसके बाद आज 9 जून को इसका निर्णय जारी किया गया । सुनवाई के दौरान राज्य पीएससी के अधिवक्ता आनंद मोहन तिवारी ने कोर्ट में तर्क दिया कि, आयोग का मूल कार्य सिर्फ परीक्षा आयोजित करना है । आरक्षण देना हमारा काम नहीं है, यह सब राज्य शासन ही निर्धारित करता है। सारे दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए नियमनुसार निर्धारित आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है। इस रोस्टर को ध्यान में रखते हुए ही विज्ञापन जारी किया गया। कामर्स विषय में दृष्टि बाधित अभ्यर्थियों को आरक्षण प्राप्त नहीं है। सुनवाई और तर्कों के बाद हाईकोर्ट ने आज जारी अपने आदेश में कहा कि , राज्य लोक सेवा आयोग और शासन की भर्ती प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है , इसलिए इस स्थिति में याचिकाकर्ता को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही यह याचिका कोर्ट ने खारिज करते हुए उपयुक्त अभ्यर्थियों को 60 दिवस में नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।