मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर हाई कोर्ट की रोक
बिलासपुर। मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी करने के बाद अनुभव की नई शर्त जोड़ने को चुनौती देते हुए अंबिकापुर के डीके सोनी ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की । इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई कर कोर्ट ने साक्षात्कार होने के बाद इन दोनों पदों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है ।
अंबिकापुर निवासी एडवोकेट डी.के. सोनी ने दो याचिकाएं मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त की नियुक्ति में अनुभव की नई शर्त लगाई जाने के कारण याचिका दायर की थी । जिस पर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने 29मई को सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया । जब मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों के लिए राज्य शासन ने वैकेंसी निकली तब आवेदन के लिए अनुभव की कोई विशेष शर्त नहीं रखी गई थी लेकिन 9 मई 2025 को जारी इंटरव्यू कॉल लेटर में सर्च कमेटी ने विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क या प्रशासन के क्षेत्र में कम से कम 25 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता जोड़ दी। नये मापदंड के आधार पर 172 आवेदनों में से सिर्फ 51 को ही इंटरव्यू के लिए चुना गया वहीं मुख्य सूचना आयुक्त के लिए 30 वर्ष के अनुभव की अनिवार्यता जोड़ दी गई। राज्य शासन द्वारा अनुभव को लेकर जोड़ी गई नई शर्तों के खिलाफ हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई है जिसमें अधिवक्ता सोनी ने दोनों पदों के लिए आवेदन दिया था जिसमें अनुभव की नई शर्त जोड़ने का विरोध किया गया ।हाईकोर्ट ने दोनों पदों के इंटरव्यू होने के उपरांत स्थगन आदेश जारी कर नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
लंबे समय से खाली है, मुख्य सूचना आयुक्त का पद
वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में दो सूचना आयुक्त कार्यरत थे इनमें से एन. के. शुक्ल का कार्यकाल 21 मई 2025 को समाप्त हो गया है,इसके बाद आयोग का भार दूसरे सूचना आयुक्त आलोक चंद्रवंशी के कंधे पर आ गया है*वही आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद 11 नवंबर 2022 को एम.के. राउत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से खाली है अगर नई नियुक्तियों का मामला कोर्ट में उलझ गया तो इसमें और विलंब हो सकता है।