सरकार ने ही आर्सेनिक युक्त पानी सप्लाई पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने अनुरोध किया
00 प्रकाशित रिपोर्ट पर सरकार ने विस्तार से रिपोर्ट पेश की
बिलासपुर। मोहला-मानपुर जिला के ग्राम कोडिकसा में आर्सेनिक युक्त पानी आपूर्ति के मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव ने विस्तार से जवाब पेश किया। सरकार ने जवाब की पुष्टि व जांच कराने खुद से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने हाई कोर्ट से निवेदन किया। हाई कोर्ट ने इस पर अधिवक्ता विक्रम शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है।
सरकार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव ने रिपोर्ट के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। ग्राम कौड़ीकसा के ग्रामीणों के बारे में एक शिकायत दर्ज की गई थी, जो आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। न्यायालय ने सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को उक्त रिपोर्ट के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। उक्त निर्देश के अनुपालन में, तत्काल हलफनामा प्रस्तुत किया जा रहा है।
कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ब्लॉक एवं जिला मोहल्ला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के कार्यालय ने उक्त रिपोर्ट के बाद एक विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दिनांक 26 मई 2025 की रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत की जा रही है। कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया है कि 19 बोरवेल में से 10 में आर्सेनिक युक्त पानी पाया गया तथा ऐसी पुष्टि होने पर उन हैंडपंपों को बंद कर दिया गया। आर्सेनिक मुक्त जल की आपूर्ति हेतु आर्सेनिक निष्कासन संयंत्र की स्थापना की गई, जिसके माध्यम से गांव के ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध कराया गया। नदी के पानी को फिल्टर करने के बाद गांव में पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जा रही है।
जिस समय योजना को चलाने के लिए पर्याप्त बिजली की आपूर्ति होती है, उस समय पानी की आपूर्ति नियमित होती है।लेकिन पीक डिमांड के दौरान, खासकर गर्मियों में 1-2 महीने के लिए दिन में एक बार टैंकरों के माध्यम से पीने का पानी दिया जाता था।
वर्तमान में नियमित रूप से बिजली की आपूर्ति हो रही है और ग्रामीणों को नियमित रूप से पीने योग्य पानी दिया जा रहा है। पहले भी आर्सेनिक दूषित पानी से प्रभावित लोगों के मामले सामने आए हैं और आर्सेनिक दूषित शौचालय के सेवन/उपयोग के परिणामस्वरूप किसी के त्वचा रोग से प्रभावित होने का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट में सच्चाई का कोई तत्व नहीं है, जिसमें दावा किया गया है कि ग्रामीणों को आर्सेनिक दूषित पानी पीने के लिए मजबूर किया जाता है। यह स्पष्ट है कि आर्सेनिक दूषित पानी पीने के लिए मजबूर लोगों के बारे में रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। ग्रामीण नदी के फिल्टर किए गए पानी का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए गांव में स्थापित आर्सेनिक निष्कासन संयंत्र का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
समाचार प्रकाशित होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारीअंबागढ़ चौकी ने गांव का औचक निरीक्षण करने तथा रिपोर्ट में नामित व्यक्तियों की जांच करने के पश्चात विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें पाया गया कि पत्र में नामित व्यक्ति काफी समय से आर्सेनिक के दुष्प्रभाव से पीड़ित थे तथा इन लक्षणों वाले कोई नए मामले नहीं हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से गांव कौड़ीकसा में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मोहल्ला मानपुर-अंबागढ़ चौकी को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की जा रही है। संबंधित सचिव द्वारा दायर हलफनामे के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि कौड़ीकसा गांव में प्रतिदिन एक बार पानी के टैंकरों के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। वर्तमान हलफनामे में दी गई सामग्री की पुष्टि करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की जाए। श्री विक्रम शर्मा, अधिवक्ता, जो इस मामले में उपस्थित हुए।न्यायालय को न्यायालय आयुक्त नियुक्त किया जाता है, जो अगली सुनवाई की तिथि तक या उससे पहले इस न्यायालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं।