न्यायिक आधुनिकीकरण और दक्षता की दिशा में एक कदम आगे”
बिलासपुर। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग में डिजिटलीकरण केंद्र, अधिवक्ता हॉल और नए सम्मेलन हॉल का उद्घाटन किया न्यायपालिका के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग में डिजिटलीकरण केंद्र, अधिवक्ता हॉल और नए सम्मेलन हॉल का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में दुर्ग जिले के पोर्टफोलियो जज और हाई कोर्ट कम्प्यूटराइजेशन कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायाधीश और हाई कोर्ट कम्प्यूटराइजेशन कमेटी के सम्मानित सदस्यों न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे, न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर उपस्थि त लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने दुर्ग जिले के न्यायाधीशों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी।
उद्घाटन समारोह पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, कि छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े न्यायालय में से एक दुर्ग अब बिलासपुर और रायपुर की तरह कागज रहित वातावरण की ओर बढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “बिलासपुर और रायपुर के बाद दुर्ग डिजिटलीकरण केंद्र लागू करने वाला तीसरा जिला बन गया है। मैंने कम्प्यूटरीकरण समिति से आग्रह किया है कि इस परियोजना को
जल्द से जल्द राज्य न्यायपालिका के सभी न्यायालयों तक विस्तारित किया जाए।”
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश के सतत प्रयासों से अब तक उच्च न्यायालय में लंबित 3359 प्रकरण, जिला न्यायालय रायपुर में लंबित 2543 प्रकरण, तथा जिला न्यायालय बिलासपुर में लंबित 2055 प्रकरणों की प्रभावी ढंग से स्केनिंग की गई है।
मुख्क्यायाधीश रमेश सिन्हा ने अधिवक्ता हॉल औ नए सम्मेलन हॉल की स्थापना की सराहना करते हुए कुशल न्यायिक कामकाज के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर ध्यान दिलाया। उन्होंने दुर्ग की अपनी पिछली यात्राओं को याद किया और शहर के बीचों-बीच एक नए, आधुनिक न्यायालय परिसर के लिए शासन की सहायता प्राप्त करने के अपने निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।
मुख्य न्यायाधीश ने भौतिक अभिलेखों के बोझ को कम करने और न्यायिक कार्य वाही में दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी के अनु रूप न्यायालय के अभिलेखों को डिजिटल बनाने के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा,
“डिजिटलीकरण पूरी गति से आगे बढ़ रहा है, हम भारी मात्रा में रिकॉर्ड हैंडलिंग को खत्म करने और सुचारू और तेज न्यायालय संचालन सुनिश्चित करने के करीब पहुंच रहे हैं।”
उद्घाटन समारोह की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसमें नई सुविधाओं की यात्रा और महत्व पर प्रकाश डाला गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, दुर्ग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ समापन हुआ। यह उद्घाटन दुर्ग जिला न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो उन्नत बुनियादी ढांचे, बेहतर तकनीकी एकीकरण और तीव्र व अधिक सुलभ न्याय प्रदान करने की प्रतिबद्धता का संकेत देता है।
रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री के अधिकारी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता संघ दुर्ग के सदस्य, जिला प्रशासन के अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि भी भौतिक रूप से और आभासी रूप से उपस्थित थे।