हाई कोर्ट ने कैंसर पीड़ित महिला को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराने के मामले में पीड़ित परिवार को तीन लाख मुआवजा देने का आदेश दिया
00 रेलवे को एक लाख व दो लाख रुपए सरकार को देना होगा
बिलासपुर। रेलवे स्टेशन में केंसर पीडित महिला को एम्बुलेंस नहीं मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने पीडित परिवार को 3 लाख मुआवजा दिये जाने का निर्देश दिया है। इसमें एक लाख रेलवे और 2 लाख रूपये राज्य शासन प्रदान करेगा। बुढार मप्र की रहने वाली इस महिला की मौत हो गई थी।
पिछले माह रायपुर से बिलासपुर आकर यहां से बुढार जाने के लिए ट्रेन में सफर कर रही एक कैंसर पीड़ित महिला रानी बाई की मौत हो गई थी ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने पर शव को उतारकर कुली की मदद से उन्हें स्ट्रेचर से गेट नंबर एक के बाहर तक लाया गया , वहां पर एम्बुलेंस का ड्राइवर गायब था थोड़ी देर बाद वह आया, लेकिन बॉडी ले जाने से मना कर दिया। महिला के परिजनों के परिचितों के जरिए दूसरे एंबुलेंस का इंतजाम किया और वहां से एक घंटे बाद रवाना हो गए। उन्हें बिलासपुर से शाम वाली ट्रेन पकड़कर बुढ़ार जाना था। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इस पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताकर कहा था कि, राज्य सरकार की मुफ्त की योजनाएं हैं फिर भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं । हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को हलफनामा पेश करने कहा हाईकोर्ट ने दंतेवाड़ा में एम्बुलेंस नहीं मिलने से मरीज की मौत और बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला का शव ले जाने एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिलने को इन दोनों पर एक साथ सुनवाई शुरू की
जरूरत में कोई सहायता नहीं उपलब्ध कराई
इससे पहले हाईकोर्ट ने शासन से पुछा था कि, केंसर पीड़ित महिला के परिजनों को कोई मुआवजा दिया जा रहा है या नहीं बिलासपुर रेलवे के जीएम से इस बारे में शपथपत्र पेश कर जवाब देने को कहा गया था आज सोमवार को चीफ जस्टिस व जस्टिस अरविन्द वर्मा की डिवीजन बेंच में सुनवाई और बहस के बाद कोर्ट ने कहा कि, पीड़ित परिवार को जरूरत के समय कोई सहायता नहीं उपलब्ध कराई गई आज उन्हें तीन लाख रूपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसमें अपनी लापरवाही के लिये एक लाख रेलवे को ऐड करने होंगे साथ ही साथ 2 लाख का भुगतान राज्य शासन करेगा।