अधिक मुआवजा लेने भूमि का बटांकन करने व शासन की दो नीति पर हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की
वर्ग फीट पर मुआवजा के लिए दाखिल याचिका खारिज की
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने इस बात को लेकर चिंता और नाराजगी जताई है कि मुआवजा को लेकर बनाए गए दो स्लैब में से एक में फायदा लेने की गरज से भूमि स्वामी अपनी जमीनों को टुकड़ों में बांटकर बटांकन कर दे रहे हैं और अधिक मुआवजा ले रहे हैं। इस तरह की एक अपील को डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया है।
नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण और नई सड़कों के निर्माण के लिए भूअर्जन के प्रकरणों में जमीन का बटांकन को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। प्रदेश में मुआवजा देने के लिए दो स्लैब बनाए गए हैं। प्रति वर्ग मीटर के आधार पर और दूसरा प्रति हेक्टेयर की दर से। भूमि स्वामियों को जब पहले स्लैब के बारे में पता चला कि राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के दौरान उनकी जमीन दायरे में आ रही है तो बिना समय गवाए जमीनों को टुकड़ों में बांटकर बटांकन करा लिया और प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा के लिए क्लेम कर दिया। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने अपील खारिज कर दी है। बता दें कि सिंगल बेंच ने भी इसे गलत ठहराते हुए भूमि स्वमी की याचिका खारिज कर दी थी।
 
क्या है मामला
चिरमिरी के हल्दीबाड़ी निवासी पूनम सेठी की बिलासपुर के सकरी में नेशनल हाईवे क्रमांक-130 पर खसरा नंबर-310/9 में 490 वर्गमीटर जमीन थी। इसे उन्होंने जगदीश पांडेय से खरीदी थी। रजिस्ट्री के बाद उन्होंने म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया, जिसे 10 अगस्त 2017 को अनुमति मिल गई। रजिस्ट्री के दौरान स्टाम्प शुल्क वर्ग मीटर के आधार पर लगा था। जमीन खरीदने के कुछ दिनों बाद बिलासपुर-कटघोरा नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण और फोरलेन सड़क बनाने के लिए भूअर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई। अवार्ड पारित करने से पहले भूअर्जन अधिकारी ने भू विस्थापितों को मुआवजे के आकलन के लिए पटवारी से रिपोर्ट मांगी।
पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में कर दिया था खुलासा
पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रति वर्ग मीटर के आधार पर मुआवजा हासिल करने के लिए जमीन की छोटे-छोटे टुकड़ों में खरीदी की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर भूअर्जन अधिकारी ने 1 जुलाई 2018 को उनकी जमीन का प्रति हेक्टेयर के आधार पर मुआवजा तय किया। उन्होंने इसके खिलाफ याचिका लगाई थी।

kamlesh Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *