टयूशन क्लास जा रही नाबालिग छात्रा की हत्या, हाई कोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज की
घटना के समय आरोपी नाबालिग था, बालिग होने के बाद सजा सुनाई गई
बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस ए के प्रसाद की डीबी ने चश्मदीद गवाह के गवाही पर छेड़छाड़ से परेशान नाबालिग द्वारा पुलिस में शिकायत करने की बात कहने पर टियूशन जाते समय छात्रा की कुदाली से वार कर हत्या करने के आरोपी की सजा के खिलाफ पेश अपील को खारिज किया है। घटना के समय आरोपी नाबालिग था, बालिग होने के बाद सत्र न्यायालय ने आरोपी को 302 में 20 वर्ष, 201 में एक वर्ष कैद की सजा सुनाई है।
दुर्ग जिला निवासी नाबालिग छात्रा को एक नाबालिग छेड़छाड़ किया करता था। आरोपी के हरकत के संबंध में छात्रा ने अपने सहेली व टीचर्स को जानकारी दी। इसके बाद उसने छेड़छाड़ करने पर पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। इस बात पर आरोपी ने उसकी हत्या करने की योजना बनाई। 13 जून 2019 की दोपहर 3.30 बजे छात्रा टियूशन जा रही थी। शिवाजी छ्त्रपति नगर, गाँधीपार्क मैत्री कुंज के पास आरोपी ने कुदाली से उसके सिर व सीने में वार कर दिया। छात्रा बेहोश हो कर गिर गई। इसके बाद आरोपी उसे खिंचते हुए सीडी शुक्ला के घर के पीछे ले जाकर छोड़ दिया। दो छोटे बच्चों ने कालोनी में एसी रिपेयर कर आ रहे मेकेनिक कमलेश निर्मलकर व उसके साथी को घर के पीछे खून से लतपथ लड़की के गिरे होने की जानकारी दी। दोनों तुरंत मौक़े में पहुँच कर देखा एवं 108 व 112 में सूचना दी व घायल को सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस मौके में पहुँच कर जांच प्रारंभ किया। घायल छात्रा की स्थिति गंभीर होने पर रामकृष्ण अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने छात्रा की सहेली, टीचर्स व अन्य लोगों के बयान के बाद नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के खून लगे कपड़ा, हत्या में प्रयुक्त हथियार जब्त कर डीएनए टेस्ट कराया। मामले में 104 दस्तावेज, 40 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया गया। आरोपी के बालिग होने के बाद सत्र न्यायालय ने 7 फरवरी 2024 को आरोपी को धारा 302 में 20 वर्ष कैद 2000 रु व 201 में 1 वर्ष कैद व 1000 रु अर्थ दंड की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ आरोपी ने हाई कोर्ट में अपील पेश की थी। हाई कोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज करते हुए उसे सजा पूरा कराने का निर्देश दिया है।
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सजग नागरिक की गवाही ने सजा दिलाई
नाबालिग छात्रा की निर्मम हत्या के मामले में एक सज नागरिक की गवाही ने अपराध की पुष्टि की। गवाह 13 जून 2019 की दोपहर को डियूटी जा रहा था, तो उसने देखा कि एक लड़का लड़की के ऊपर सोया हुआ था व कपड़े से उसे ढकन रहा था। जल्दी में होने के कारण वह चला गया, किन्तु दूसरे दिन उसे घटना की जानकारी हुई तब वह थाना जा कर अपनी गवाही दी, और आरोपी की पहचान की। इसके अलावा छात्रा की सहेली, टियूशन टीचर्स व अन्य की गवाही, कपड़ों में मिले रक्त के डीएनए टेस्ट रिपोर्ट ने भी पीड़िता के खून होने की पुष्टि हुई। इस आधार पर हाई कोर्ट ने अपील खारिज की है।
