हाई कोर्ट ने कैट को रेल कर्मी की वरिष्ठता पर सभी पक्षों को सुनने के बाद नया आदेश जारी करने का निर्देश दिया
बिलासपुर । रेलवे में कार्यरत हेड टाइपिस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पदोन्नति और सीनियरटी के बारे में कैट द्वारा जारी आदेश को अपास्त कर दोबारा सुनवाई करते हुए नया आदेश विधि अनुरूप पारित करने का निर्देश दिया है । कोर्ट ने याचिका मंजूर कर सभी पक्षों को कैट जबलपुर के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश भी दिया है ।
याचिकाकर्ता एल. प्रभाकर राव 5000-8000- रुपये के पूर्व संशोधित वेतनमान में हेड टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत था और 12.06.2008 को उन्हें 5500-9000 रुपये के पूर्व संशोधित वेतनमान में ओएस 2 के पद पर पदोन्नति के लिए सूचीबद्ध किया गया था और 16.07.2008 को वरिष्ठता सूची भी तैयार की गई थी। याचिकाकर्ता को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया और 61 दिनों का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद याचिकाकर्ता ने ओएस-II के पदोन्नत पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया।5.10.2012 को, याचिकाकर्ता ने उचित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीफ ओएस के पद पर पदोन्नति प्राप्त की और तब से वह इसी पद पर है। इसके बाद 23.11.2012 को सीपीसी की सिफारिशों के अनुसरण में स्थापना नियम जारी हुआ । सीपीओ (एसईसीआर ) ने 12.11.2013 को सीनियर डीपीओ/एसईसीआर/आरपीआर को वरिष्ठता सूची की समीक्षा और संशोधन करने की सलाह दी। 12.11.2013 के पत्र के अनुसरण में सीनियर डिविजन पर्सनल ऑफिसर ने याचिकाकर्ता को चीफ ओएस जीपी 4600/- से ओएस जीपी 4200/- के पद पर वापस करने के लिए 09.04 2014 को कारण बताओ नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने कारण बताओ नोटिस का जवाब 28.04.2014 को दाखिल किया। इन्होने कैट जबलपुर में आवेदन पेश किया कैट ने रेलवे को 60 दिन में अभ्यावेदन तय करने का निर्देश दिया। एसईसीआर ने सचिव रेलवे बोर्ड से निर्देश मांगे इस बीच ट्रिब्यूनल द्वारा दी गई समय सीमा कम होती रही । रेलवे ने भी कैट में आवेदन दिया तो समय सीमा 3 माह और बढा दी गई । इस बीच रेलवे ने बोर्ड सचिव का निर्देश मिलने तक याचिकाकर्ता का अभ्यावेदन ही खारिज कर दिया । इस पर कैट जबलपुर में पुनः समीक्षा याचिका पेश की यह गत 14.07.2020 को खारिज हो गई । इसे ही हाईकोर्ट में चुनौती दी गई ।जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय जायसवाल की डीबी ने सुनवाई के बाद कैट को निर्देशित किया है कि , वह याचिकाकर्ता की सीनियरटी को लेकर सभी पक्षों को सुनने के बाद एक नया आदेश जारी करे *पूर्व में जारी आदेश को अपास्त कर कोर्ट एन सभी पक्षों को कैट जबलपुर के सामने उपस्थित होने का आदेश दिया है ।
