हाई कोर्ट ने नगर पंचायत बरेला में निर्वाचित प्रतिनिधि को कम करने का निर्देश दिया
0 नगर पंचायत बरेला हेतू गठित विशेष समिति निरस्त
बिलासपुर । ग्राम पंचायत बरेला के नगर पंचायत के रूप में गठन किए जाने के विरुद्ध याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने नगर पंचायत बरेला के कार्य संचालन हेतू गठित विशेष समिति निरस्त कर दी है। कोर्ट ने निर्देशित किया है कि,वर्तमान पंचायत पदाधिकारी नवीन निर्वाचित नगर पंचायत के गठन होने तक कार्य करते रहेंगे।
छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा द्वारा धारा ५ नगर पालिका अधिनियम 1961 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 2023 को गजट में प्रकाशित अधिसूचना के माध्यम से ग्राम पंचायत बरेला का नगर पंचायत के रूप में गठन किया गया। यहाँ सीमओ की पदस्थापना भी कर दी गई । नव गठित नगर पंचायत के कार्य संचालन हेतू एक विशेष समिती भी अधिसूचित कर दी ।इस समिति में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह सत्ताधारी दल के लोगों को शामिल किया गया जबकि पूर्व से निर्वाचित पर्तिनिधियों का कार्यकाल फरवरी 2025 तक निर्धारित है । इस बात से क्षुब्ध होकर निवृतमान पंचायत प्रतिनिधियों कृष्ण कुमार यादव , कृतिका धुरी वासुदेव पटेल व् अन्य द्वारा अधिवक्ता नीरज चौबे के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि धारा 5 नगरपालिका अधिनियम 1961 के अनुसार सीएमओ की नियुक्ति की गई * इसी अधिनियम में यह प्रावधान है कि , जब तक नई परिषद् का विधिवत गठन न हो जाये तब तक पहले से निर्वाचित प्रतिनिधि ही काम करते रहेंगे * मामले में जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की सिंगल बेंच में सुनवाई की गई * कोर्ट ने माना कि , 27 जून 2024 को शासन ने अधिनियम के विपरीत जाकर अधिसूचना जारी की है। कोर्ट ने निर्देशित किया है कि,वर्तमान पंचायत पदाधिकारी नवीन निर्वाचित नगर पंचायत के गठन होने तक कार्य करते रहेंगे। इसके साथ ही विशेष समिति को भी निरस्त कर दिया है ।
