बिलासपुर। केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती, जब अपराध करने का कोई सस्थापित उद्देश्य साबित होना चाहिये। इसके साथ हाई कोर्ट ने रायपुर के चर्चित इरफान हत्याकांड के आरोपियों को मुक्त किया है।
मामला 15 जून, 2017 का है, जब शिकायतकर्ता ने बताया कि बबलू उर्फ ​​इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे। रायपुर के सेजबहार के पास मोटरसाइकिल सवार चार नकाबपोश लोगों ने उनकी कार को रोकी व इरफान के सिर में गोली मार दी। मामले में पुलिस ने पुरानी रंजिश व शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर चार आरोपी को गिरफ्तार किया व उनके पास से हथियार जब्त कर न्यायालय में चालान पेश किया। सत्र न्यायालय से आरोपियों को सजा हुई। इसके खिलाफ आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील पेश की। अलील पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डीबी में सुनवाई हुई।

अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष उनकी पहचान और अपराध में उनकी संलिप्तता को निर्णायक रूप से स्थापित करने में विफल रहा। उन्होंने तर्क दिया कि एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी की गवाही में असंगतताएँ थीं, जिसमें मुकदमे के दौरान अभियुक्तों की गलत पहचान शामिल थी। इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच तुरंत नहीं की गई थी, जिससे सबूतों की अखंडता पर पर सवाल उठ रहे थे। हाईकोर्ट ने प्रस्तुत साक्ष्य का गंभीरता से विश्लेषण किया और अभियोजन पक्ष के मामले में कई विसंगतियाँ पाईं।
अभियुक्तों की पहचान त्रुटिपूर्ण
न्यायाधीशों ने नोट किया कि गवाह द्वारा अदालत में अभियुक्तों की पहचान त्रुटिपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने अपनी गवाही के दौरान कई व्यक्तियों की गलत पहचान की थी। अदालत ने विश्वसनीय पहचान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “गवाह की ओर से की गई कोई भी झूठी या गलत पहचान किसी निर्दोष को गलत तरीके से दोषी ठहराने का रास्ता बन जाती है।इसके अतिरिक्त, पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अभियोजन पक्ष हत्या के पीछे स्पष्ट मकसद स्थापित करने में विफल रहा।
संदेह या कमजोर सबूत दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त नहीं
अदालत ने कहा, “अपीलकर्ताओं से हथियार की मात्र बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती, जब अपराध करने का कोई स्थापित मकसद न हो।” फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि आपराधिक मामलों में, अपराध को उचित संदेह से परे साबित किया जाना चाहिए, और संदेह या कमजोर सबूत दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते। इसके साथ हाई कोर्ट ने आरोपितों की अपील को मंजूर किया है।

kamlesh Sharma

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