सर्पदंश से मौत ;; 9 साल से मुआवजा नहीं मिला
0 बालोद और बालाघाट कलेक्टर से जवाब तलब
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने सर्पदंश से श्रमिक की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए कलेक्टर बालोद और जिला कलेक्टर बालाघाट (मप्र) को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। मृतक की पत्नी और परिजन पिछले 9 साल से मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, कोर्ट ने यह पूछा है कि, परिजनों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया।
बलाघाट जिले के ग्राम खैरलांजी निवासी प्रशांत शिंदे करीब 9 साल पहले श्रमिक के रूप में काम करने छत्तीसगढ़ में बालोद जिले में डोंडी लोहारा तहसील के ग्राम नहंदा आया था। 25 अक्टूबर 2016 को जब वह सो रहा था, तब उसे सांप ने डस लिया। मौत के बाद जानकारी इसके परिजनों व पत्नी सुलेखा शिंदे को दी गई इन लोगों ने सर्पदंश से मौत की शिकायत व रिपोर्ट बालोद थाने में कराई। इसके बाद से पत्नी ने बालाघाट कलेक्टर और बालोद कलेक्टर दोनों को मुआवजा दिलाने आवेदन दिया। करीब 9 साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी। हारकर सुलेखा शिंदे ने एडवोकेट अशोक पाटिल के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका पेश की। जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित कर बालाघाट और बालोद कलेक्टर दोनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। शासन की ओर से सर्पदंश या विषैले जन्तु के काटने से मौत होने पर 4 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके बावजूद मृतक के आश्रित मुआवजा के लिए भटक रहे।
