हाई कोर्ट ने शासन से पूछा ग्राम पंचायत ढेंका में घोटाला करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत ढेका में हुए लाखों के घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए शासन के सचिव पंचायत से एक शपथपत्र मंगवाया है। इसमें यह बताना होगा कि , इस घोटाले के दौरान वहां पदस्थ रहे अधिकारियों ने कोई कार्रर्वाई क्यों नहीं की।
बिलासपुर जिले की ग्राम पंचायत ढेका में सचिन कौशिक ग्राम पंचायत सचिव पदस्थ है* कई माह पूर्व पंचायत में आने वाली एक बड़ी राशि बिना सचिन की जानकारी के बेंक से आहरित कर ली गई।जब आने मोबाइल फोन पर काफी दिनों तक याचिकाकर्ता ने कोई मेसेज नहीं देखा तो बेंक से सम्पर्क किया मालूम हुआ कि एक बड़ी राशि (करीब 40 लाख ) निकाली जा चुकी है। पता चला कि , तत्कालीन सरपंच ने ग्राम सचिव के फर्जी हसक्षर बनाकर यह सब किया। उसने एक अधिकारी से मिली भगत कर सचिन के डिजिटल हस्ताक्षर को बदल दिया और उसकी जगह खाते के साथ अपना मोबाइल नम्बर दर्ज करवा दिया था। इस सबकी शिकायत सचिन ने पुलिस थाने और जिला पंचायत में भी की। विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए प्रथम दृष्टया ग्राम सचिव की ही लापरवाही मानकर उसे और एक अन्य आरोपी को सस्पेंड कर दिया। इस बीच कोई जांच भी नहीं कराई गई , न चार्जशीट दी गई। एडवोकेट रमेश नायक के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल कर स्वयं को बहाल करने के साथ ही दोनों शिकायतों पर कड़ी कार्रर्वाई करने का भी अनुरोध किया गया। मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस एन के व्यास ने सचिव पंचायत राज्य शासन से शपथपत्र पर जवाब माँगा है। यह बताना होगा कि , इस घोटाले के दौरान वहां पदस्थ रहे अधिकारियों ने कोई कार्रर्वाई क्यों नहीं की। अगली सुनवाई 19 फरवरी 2026 को निर्धारित की गई है।
