जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी मिश्रा की याचिका खारिज
- 00 प्रशासनिक आवश्यकता के अनुसार नियोक्ता कर्मचारी को कहीं भी तैनात कर सकता है-हाईकोर्ट
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी का तबादला किए जाने के खिलाफ पेश याचिका को खारिज करते हुए कहा कि स्थानांतरण, तैनाती सेवा का एक दायित्व है, अदालत को स्थानांतरण, तैनाती आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि दुर्भावना न हो, वैधानिक नियमों और विनियमों का उल्लंघन न हो। कर्मचारियों को जनहित और प्रशासनिक आवश्यकता के अनुसार नियोक्ता के कहने पर कहीं भी तैनात किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि किसी कर्मचारी के स्थानांतरण, तैनाती के कारण कोई रिक्ति उत्पन्न होती है, तो किसी अन्य व्यक्ति को तैनात करना सरकार का काम है।
याचिकाकर्ता जितेंद्र कुमार मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर के शासकीय हाई स्कूल छतौना तहसील तखतपुर में विधि प्रकोष्ठ में सहायक ग्रेड 2 के पद में पदस्थ थ्ो। जिला शिक्षा अधिकारी ने उनका तबादला छतौना से मानिकचौरा मस्तूरी तबादला किया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आदेश को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की 1994 में सहायक ग्रेड 3 के पद में नियुक्ति हुई है। 2008 में पदोन्नति उपरांत उन्हें सहायक ग्रेड 2 के पद में पदोन्नत कर जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर के विधि प्रकोष्ठ में पदस्थ किया गया। वहां उनकी पदस्थापना लेखा परीक्षक के पद पर थी। याचिकाकर्ता स्कूल शिक्षा विभाग, बिलासपुर के कार्यालय में कार्यरत हैं और राज्य विधिक प्रकोष्ठ की व्यवस्था के अनुसार रिक्त स्वीकृत पद पर तैनात हैं। वह जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के कार्यालय में नियमित कर्मचारी के रूप में तैनात नहीं हैं, इसलिए जिला कलेक्टर को उनका स्थानांतरण करने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता डीपीआई के आदेश से वहां तैनात हैं और उन्हें डीपीआई द्बारा कार्य सौंपा गया है।
शासन की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता का नाम जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के अधीन एक कर्मचारी के रूप में दर्ज है। उसकी मूल नियुक्ति जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के कार्यालय में है। याचिकाकर्ता के कार्य आचरण और प्रशासनिक आवश्यकता को देखते हुए, उसका स्थानांतरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मानिकचौरी, ब्लॉक मस्तूरी, जिला बिलासपुर में कर दिया गया है। याचिकाकर्ता स्थानांतरणीय पद पर है और प्रशासनिक आवश्यकता पर कर्मचारी का स्थानांतरण करना राज्य का विशेषाधिकार है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा
याचिकाकर्ता द्बारा उठाया गया मुख्य आधार यह है कि वह जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के अधीन कर्मचारी नहीं है और उसकी नियुक्ति प्राधिकारी डीपीआई है, जिसने उसे राज्य विधिक प्रकोष्ठ,
बिलासपुर के पद पर नियुक्त किया है। अपने दावे को पुष्ट करने के लिए, उसने डीपीआई द्बारा जारी दिनांक 31-01-2008 के आदेश की एक प्रति संलग्न की, जिसके द्बारा उसे जिला शिक्षा अधिकारी के विधिक प्रकोष्ठ में लेखा परीक्षक के पद पर तैनात किया गया था। यद्यपि 31-01-2008 का आदेश डीपीआई द्बारा जारी किया गया था, लेकिन यह केवल एक पदस्थापना है, न कि याचिकाकर्ता का नियुक्ति आदेश। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद, प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर याचिकाकर्ता की सेवाएँ जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर के कार्यालय से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मानिकचौरी, ब्लॉक मस्तूरी, जिला बिलासपुर में स्थानांतरित किया गया है। यह एक सामान्य कानून है कि स्थानांतरण, तैनाती सेवा का एक दायित्व है, अदालत को स्थानांतरण, तैनाती आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि दुर्भावना न हो, वैधानिक नियमों और विनियमों का उल्लंघन न हो। कर्मचारियों को जनहित और प्रशासनिक आवश्यकता के अनुसार नियोक्ता के कहने पर कहीं भी तैनात किया जा सकता है। इसके साथ कोर्ट ने याचिका को खारिज किया है।