दयालबंद में रास्ता अवरुद्ध करना राज्य के अधिकारी को चुनौती-हाई कोर्ट
00 कलेक्टर बताए उस व्यक्ति के खिलाफ क्या कदम उठाया जा रहा
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने दयालबंद पुल के पास 15 परिवारों का रास्ता बंद करने के मामले में प्रकाशित खबर को संज्ञान लिया है। कोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर को कहा दीवार में लिखा है रास्ते से गुजरने वालों की उचित खातिरदारी किया जाएगा। यह संदेश राज्य के अधिकार को एक सीधी चुनौती है,क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देता है। शासन उस व्यक्ति के खिलाफ क्या कदम उठा रही ।
28 अक्टूबर को इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।
कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर,- पुलिस अधीक्षक बिलासपुर, और आयुक्त नगर निगम बिलासपुर को पक्षकार बनाया है ।
प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि, कुछ लोगों ने दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों का रास्ता अवरुद्ध कर रखा है। स्थिति इतनी विकट है कि बच्चों को कंधों पर उठाकर पुल के नीचे से नदी पार करके स्कूल लेजाना और वापस लाना पड़ता है। इसके अलावा, बाइक और अन्य वाहनों को मुख्य सड़क या दुकानों पर पार्क करना पड़ता है क्योंकि नदी के कारण गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। बीमारी या आपात स्थिति में स्थिति और भी खराब हो जाती है। कलेक्टर से मामले की शिकायत करने के बाद, जगह का सीमांकन किया गया और फुटपाथ दिखाया गया। इसके बाद भी,एक लोहे का गेट लगा दिया गया और एक चारदीवारी खड़ी कर दी गई, जिस पर एक नोट लगा है कि ,उस रास्ते से गुजरने वालों के साथ उचित व्यवहार किया जाएगा, यानी खतरा पैदा हो गया है। लगभग 15 परिवारों के 40 से अधिक सदस्य लिंगियाडीह जाने वाले रास्ते पर दयालबंद पुल के नीचे वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे हैं और उनके आने-जाने के लिए एक फुटपाथ भी है, जिसे पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया है। पूरी जमीन खसरा संख्या 175/1 से 175/9 के अंतर्गत आती है और कई लोगों के पास जमीन के दस्तावेज भी हैं। यह
राज्य के अधिकार को एक सीधी चुनौती है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने डिवीजन बेंच में सुनवाई करते हुए कहा कि, दीवार पर लिखा यह संदेश वस्तुतः राज्य के अधिकार को एक सीधी चुनौती है,क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देता है । कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट, बिलासपुर को निर्देश दिया कि वे मामले में अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें कि जिला प्रशासन द्वारा उस व्यक्ति के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं जिसने दीवार खड़ी कर दी और फुटपाथ को अवरुद्ध कर दिया है। इसका उपयोग पिछले 40 वर्षों से किया जा रहा था। अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को रखी गई है।