अदालत ने परिवहन सचिव से सवाल किया कि उनके हलफनामे में क्यों कहा गया कि छह में से पांच सिटी बसें चालू है, उन्होंने कहा उक्त जानकारी नगर निगम कमिश्नर, बिलासपुर ने दी थी
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर में सिटी बस सेवा ठप होने और जिले में सार्वजनिक परिवहन की गंभीर समस्या पर कड़ा रुख अपनाया है कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर और नगर निगम कमिश्नर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है, जिसमें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उठाए गए और प्रस्तावित कदमों का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करना होगा ।
आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में परिवहन सचिव एस. प्रकाश उपस्थित हुए। अदालत ने सवाल किया कि उनके हलफनामे में क्यों कहा गया कि छह में से पांच सिटी बसें चालू हैं और बाकी जल्द चालू होंगी, जबकि जमीनी हकीकत अलग है। इस पर उन्होंने बताया कि, यह जानकारी उन्हें नगर निगम कमिश्नर, बिलासपुर से 18 जुलाई 2025 को मिले पत्र के आधार पर दी गई थी।
भुगतान विवाद
परिवहन सचिव ने हाईकोर्ट में बताया कि बिलासपुर जिला शहरी जन सेवा समिति के सचिव (नगर निगम कमिश्नर) ने उन्हें सूचित किया कि भुगतान विवाद के चलते आपरेटरों ने सिटी बस सेवा बंद कर दी है।राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी और इस संबंध में हलफनामा भी दाखिल किया जाएगा।
सेवा फिर शुरू करेगा निगम
नगर निगम की ओर से अधिवक्ता आशुतोष कछवाहा ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि निगम जल्द आवश्यक कदम उठाकर सिटी बस सेवा पुनः शुरू करेगा । हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि बिलासपुर कलेक्टर (समिति के अध्यक्ष) और नगर निगम कमिश्नर (समिति के सचिव) अपने-अपने व्यक्तिगत हलफनामे दाखिल करें, जिसमें मौजूदा स्थिति और आगे की कार्ययोजना का ब्योरा हो। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की गई है ।