प्राचार्य पदोन्नति मामला, याचिका में बहस पूरी हुई, हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति में मापदंडों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। अभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच के समक्ष आज हस्तक्षेप याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। इंटरविनर ने लाभार्थी व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा है। 20 वर्ष की सेवा व 50 वर्ष की आयु में बीएड से छूट, प्रधान पाठक व लेक्चरर का कोटा, जूनियर शिक्षकों के प्रमोशन व प्रशासनिक पद हेतु बीएड अनिवार्य नही जैसे विषय पर भी पक्ष रखा। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने आज भी सभी मुद्दों पर पक्ष रखा. टीचर्स एसोसिएशन के इंटरविनर अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास, विनोद देशमुख, जमील अख्तर ने पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने सभी पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस दौरान मनोज सनाढ्य, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता कोर्ट की सुनवाई में शामिल थे। प्राचार्य पदोन्नति मामले की 11 जून मे निरंतर जारी सुनवाई आज 17 जून को सभी पक्षों को के बाद पूरी हो गई है. फैसला को सुरक्षित किया गया लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में लगातार सुनवाई चल रही थी।