न्यायिक अधिकारियों की संपत्ति सार्वजनिक होने चाहिये, सीजी में जजो की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया गया था
- बिलासपुर । जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगने व इसमें नगद रुपये जलने की घटना के बाद पूरे देश मे न्यायिक सेवा के अधिकारियों की सम्पत्ति को लेकर विवाद व चर्चा है। इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व सीजे यतीन्द्र सिंह ने सर्कुलर जारी कर सभी न्यायिक अधिकारियों की संपत्तियों का विवरण सार्वजनिक कराया था। इससे न्यायपालिका की विश्वनीयता बढ़ी । उनके रिटारमेंट के बाद उक्त सर्कुलर भी गायब हो गया। यदि देश भर में इसका पालन होता तो जस्टिस वर्मा का कथित प्रकरण नही होता।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अंतर्गत पूरे प्रदेश में उच्च स्तरीय न्यायिक सेवा में पदस्थ जजों को भी अपनी सभी सम्पतियों को सार्वजानिक करना होता है । पूर्व चीफ जस्टिस यतीन्द्र सिंह ने अपने कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इसे सबके लिये लागू कर दिया था * हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा का मामला सामने आने के बाद विधि क्षेत्र में इस बात की चर्चा फिर हो रही है *
पिछले माह ही दिल्ली हाईकोर्ट के जज वर्मा के घर पर करीब बीस लाख के नोट मिले थे जिन्हें एक कमरे में जलाने की कोशिश की गई थी * यह मामला सामने आने पर देश भर में सड़क से लेकर संसद में न्याय पालिका की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं * दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर आग लगने के दौरान मिले अधजले नोट के मामले में गठित तीन जजों की कमेटी गत दिवस जांच के लिए दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंची.* कमेटी करीब 45 मिनट तक वहां रुकी और इस दौरान तीनों जज उस कमरे में भी गए जहां जले हुए नोट मिले थे.*जांच किस तरीके और किन नियमों के तहत होगी यह कमेटी खुद तय करेगी* इससे पहले सीजेआई संजीव खन्ना ने कमेटी के तीनों जजों को चिट्ठियां भेजी थीं. जांच किस तरीके और नियम से हो ये कमेटी खुद तय करेगी.*
मालूम ही कि यहां छत्तीसगढ़ में भी जस्टिस सिंह ने यह नियम बनाया था कि, हर वित्त्तीय वर्ष में हाईकोर्ट से लेकर जिला सत्र अदालतों के सभी जज भी अपनी चल अचल सम्पत्ति की घोषणा करें * इसे उच्च स्तरीय न्यायिक सेवा के प्रत्येक सदस्य के लिये अनिवार्य किया गया था * गत वर्ष भी वित्त वर्ष के अंत में जजों ने अपनी संपत्ति की विधिवत घोषणा की थी * इस बार भी इअसकी प्रक्रिया चलने की जानकारी सामने आई है *