नेशनल हाइवे में मवेशियों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन ?-हाई कोर्ट
बिलासपुर । सड़कों पर मवेशी न हटने और हादसों में कई मवेशियों की मौत के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है इसकी जांच कराई जाये । कोर्ट ने जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है।
राजेश चिकारा ने एडवोकेट पलाश तिवारी व संजय रजक ने एडवोकेट सूनील ओट्वानी के माध्यम से सड़कों में मवेशियों के आने व इससे होने वाले दुर्घटनाओं को लेकर जनहित याचिका दायर की है। .इसमे कहा गया था कि मुख्य मार्गों और शहर की आम सड़कों पर पशुओं को खुला छोड़ दिया जाता है। इनकी वजह से कई बार दुर्घटना होती है। नेशनल हाइवे पर सबसे ज्यादा ख़तरनाक स्थिति होती है, जहाँ अन्धकार मे सड़कों पर बैठे जानवरों से बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व् जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में हुई सुनवाई में कोर्ट ने गत 17 जुलाई को सिलपहरी के पास मुख्य मार्ग पर एक हाइवा 9 मवेशियों को रोंदते हुए चला गया । चीफ जस्टिस ने शासन से कहा कि, यह सब क्या हो रहा है । शासन के वकील ने कहा कि , म्युनिसपल एक्ट में प्रावधान है , कोर्ट ने कहा कि , प्रावधान तो पहले से हैं , मगर आप क्या कर रहे हैं । नॅशनल हाइवे की पेट्रोलिंग कार की जवाबदारी बताने पर कोर्ट ने कहा कि , एन एच वाले सिर्फ मोबाइल देखते बैठे रहते हैं , मवेशी मर रहे हैं लोग भी मर रहे हैं । कोर्ट ने कहा 9 मवेशियों को रौंद कर चालक चला गया। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच कर चार सप्ताह में हलफनामा के साथ जवाब पेश करने का आदेश दिया है। बहस के दौरान कोर्ट ने रतनपुर मार्ग एवं बिलासपुर शहर में भी मवेशियों के जमावड़े पर चिंता व्यक्त किया। इस पर शासन की ओर से कहा गया कि ग्रामीण सहयोग नहीं कर रहे। इस पर कोर्ट ने कहा सब कुछ आप को ही करना है। इसके साथ मामले को सुनवाई हेतु 3 सितम्बर को रखा है।
