जेल में निरुद्ध बन्दियों के परिजन से अवैध वसूली, हाई कोर्ट ने डीजी जेल से जवाब मांगा
बिलासपुर। हाई कोर्ट ने जेल में बंद विचाराधीन बन्दियों के परिवार वालों से जबरन वसूली करने, विभिन्न खातों में आन लाइन रकम लिए जाने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने डीजी जेल से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। एक जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष मामले को रखा गया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जेल में निरुद्ध बंदियों से पैसे की जबरन वसूली पर कड़ी प्रतिक्रिया है। इस मामले में महानिदेशक जेल को व्यक्तिगत शपथपत्र में जवाब मांगा हैं। लुकेश्वरी जोश अब्राहम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत याचिका लगाई थी। 4 जुलाई को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की सिंगल बैंच में इसकी सुनवाई हुई, तब ये मामला संज्ञान में आया। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के जेल महानिदेशक, रायपुर को इस मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया देते हुए आदेश जारी किया है कि कैसे आवेदक ने अपने पति के साथ, जो हत्या के मामले में निरुद्ध है, अन्य जेल बंदियों के परिवार के सदस्यों से पैसे की जबरन वसूली की है, जो जेल में निरुद्ध हैं और उन्हें जेल बंदियों द्वारा दिए गए विभिन्न खातों में राशि जमा करने के लिए मजबूर किया है, जैसा कि राज्य वकील ने कहा गया है कि आवेदक के खाते में भी कुछ राशि जमा की गई है। वहीं एक और सह आरोपी के मामले को 15 जुलाई 2025 को सूचीबद्ध करने आदेश दिया है, जमानत याचिका है, जो समान अपराध में शामिल है। वहीं कोर्ट ने राज्य अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश की एक प्रति महानिदेशक जेल, छत्तीसगढ़ राज्य, रायपुर को आवश्यक जानकारी और अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया है।