महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर भर्ती में मॉडल आंसर के खिलाफ याचिका
हाई कोर्ट ने नई विशेषज्ञ कमेटी गठित कर पुनः परीक्षण कराने का निर्देश दिया
बिलासपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर भर्ती परीक्षा में सेट बी के प्रश्न क्रमांक 85 के मॉडल आंसर को लेकर विवाद उतपन्न हो गया है। इस मामले को लेकर पेश याचिका में बहस के उपरांत सीजे की डीबी ने शासन को नई विशेषज्ञ की कमेटी गठित कर विवाद प्रश्न के मॉडल आंसर का फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 5 जुलाई 2023 को  सुपरवाइजर के रिक्त 440 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया। इसमें 220 पद सीधी भर्ती हेतु रखा गया।  इसमें 92 पद अनारक्षित वर्ग, 71 एसटी, 26 एससी एवं 31 पोस्ट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित किया गया। 27 अगस्त 2023 को व्यापम ने परीक्षा आयोजित किया। एवं 12 सितंबर 2023 को मॉडल आंसर जारी कर ऑनलाइन आपत्ति माँगा गया। 20 सितंबर 2023 को परिणाम घोषत किया गया। चकरभाठा निवासी सृष्टि शर्मा ने बी सेट के प्रश्न क्रमांक 85 के मॉडल आंसर पर आपत्ति की थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि उसने प्रश्न क्रमांक 85 का सही आंसर दिया है किंतु विशेषज्ञों  ने सही उत्तर को गलत बताया व माईनस मार्किंग दिया गया। इसके कारण अंक कम हो गया। इस प्रश्न पर नंबर दिए जाने पर उनका अंक 75.258 होगा व उसका अनारक्षित वर्ग में चयन हो जाएगा। याचिका में फिर से जांच कर नए मैरिट सूची जारी करने की मांग की गई। हाई कोर्ट की एकलपीठ से याचिका खारिज होने पर उन्होंने डीबी में अपील की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने सुनवाई उपरांत शासन को विवादित प्रश्न की जांच हेतु विशेषज्ञों की नई कमेटी गठित का फिर से परीक्षण कराने का आदेश दिया है।
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प्रश्न यह है
Q no 85- The possible passive voice of the given statement is/are
Who starts the pump
विकल्प A – By whom was the pump started
B-. By who was the pump started
C-  By whom is the pump started
D-. By who is the pump started
मॉडल आंसर को लेकर विषय विशेषज्ञों से परीक्षण कराया गया। याचिकाकर्ता के आंसर को गलत बताया गया है।
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मामले में याचिकाकर्ता ने स्वयं बहस कर तर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने ने सुनवाई के दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यादृष्टान्त को प्रस्तुत किया। शासन व याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने गहन विचार विमर्श किया व शासन से पूछा कि आप का आंसर सही है इसका क्या आधार है। पीठ ने शासन को विवादित प्रश्न की नई विशेषज्ञों की कमेटी गठित का फिर से जांच कराने का निर्देश दिया है।(बहस का अंश सुनने k news group ) को लॉगइन करें।

kamlesh Sharma

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