बिलासपुर । डीएमएफ मद मामले में सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट ने कहा कि,इस मामले में जाच होने के बाद आब कार्रवाई भी की जाएगी । इसी आधार पर यह जनहित याचिका निराकृत कर दी गई ।
जिला खनिज न्यास की राशि का दुरूपयोग करने के मामले में आज चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच में महालेखाकार की ओर से एडवोकेट रमाकांत मिश्र ने कोर्ट को बताया कि ,प्रकरण के ऑडिट और जांच के बाद रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी गई है । रिपोर्ट विधानसभा में भी प्रस्तुत की जाएगी, प्रकरण में कार्रवाई राज्य शासन को ही करना है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जांच हो चुकी है और अब मामले में कार्रवाई भी होगी,याचिका में भी यही मांग की गई है, इसी आधार पर याचिका निराकृत की जा रही है।
मालूम हो कि ,जिला खनिज न्यास की राशि का दुरूपयोग करते हुए कोरबा जिले में करीब 1200 करोड़ का घोटाला हो गया था । जिला खनिज न्यास मद के तहत पूरे प्रदेश के तमाम जिलों में कुल मिलाकर दस हजार करोड़ के आसपास की राशि का गोलमाल किया गया। इसी तरह कोरबा जिले में यह सीमा करीब 1200 करोड़ तक जा पहुंची है। इसे लेकर कोरबा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुमार राठोर व 4 अन्य लोगों ने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में – एक जनहित याचिका पेश की। इसमें बताया गया कि, खनिज न्यास के कार्यों में नियमों का उल्लंघन किया गया है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। डीएमएफटी रूल्स 2015 के नियम 25 (3) 12 (3) 12 (6 )12 (2) की अवहेलना की गई है। न्यास में लम्बे समय से टीडीएस नहीं काटा जा रहा है। आडिटर जनरल से एन्यैनल ऑडिटिंग नहीं कराई जा रही है।खनिज न्यास से हो रही आय की राशि का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है, इसका कहीं कोई हिसाब नहीं रखा जा रहा है।
