रायगढ़ में वर्ष 2011 में अतिक्रमण हटाने कार्रवाई प्रारम्भ की गई। इसमे रमेश कुमार अग्रवाल को दुकान तोड़ने नोटिस दिया गया। इसके खिलाफ रमेश अग्रवाल ने हाई कोर्ट में रिट याचिका पेश की। हाई कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया। एक माह बाद तत्कालीन निगम आयुक्त आर डी दिवान व राजस्व अधिकारी ने दुकान तोड़ दिया। कार्रवाई के खिलाफ अग्रवाल ने याचिका पेश की। निगम ने जवाब में कहा कि रमेश अग्रवाल ने स्वयं से अपना अतिक्रमण हटाया है व उसके हस्ताक्षर वाले दस्तावेज पेश किया। याचिकाकर्ता ने उक्त हस्ताक्षर अपना होने से इंकार किया। इस पर कोर्ट ने रायगढ़ सीजेएम को उक्त हस्ताक्षर की जांच करा रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने उक्त हस्ताक्षर रमेश अग्रवाल के नहीं होने की पुष्टी की। मामले में आज जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट में फेंक दस्तावेज प्रस्तुत करने व न्यायालय को मिसगाइड करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए फटकार लगाई एवं तत्कालीन कमिश्नर आर डी दिवान व राजस्व अधिकारी को नोटिस जारी कर 14 मार्च को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।