मुआवजा देने से किसी व्यक्ति की कमी पूरी नहीं हो सकती-हाई कोर्ट
बिलासपुर। मुआवजा देने से किसी व्यक्ति की कमी पूरी नहीं हो सकती है ,शासन को चाहिए कि वह सडक दुर्घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक उपाय करे । इस आशय का निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जब परिवार में कमाने वाला कोई व्यक्ति मर जाता है, तो उस व्यक्ति की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता । आश्रितों और समग्र परिवार के जीवन में शून्यता पैदा हो जाती है और परिवार बर्बाद हो जाता है। हादसे रोकने की जरूरत बताते हुए कोर्ट ने कहा कि संभावनाओं और उपायों को लागू करना चाहिए जिनसे सड़क दुर्घटनाएं रुक सकतीं हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने बार -बार इस पर संज्ञान लिया है। साथ ही विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए गए गए हैं कि, राज्य और संबंधित अधिकारियों को क्या कार्रवाई करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि, पिछले दिनों कवर्धा हादसे में 19 लोगों की मौत पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने मुआवजे की जानकारी दी। शासन की ओर से बताया गया कि, दुर्घटना में मृतक के परिवार को 5 लाख और घायल को 50 हजार रुपये का भुगतान मुआवजे के रूप में किया गया है।
शराब पीने का नतीजा
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि, अधिकांश जो दुर्घटनाएँ घटी थीं, वे शराब पीने का नतीजा थीं। राजमार्गों के किनारे अधिकांश रेस्तरां और ढाबों पर आने-जाने वाले लोगों को शराब परोसी जा रही है, यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है।
