ढाई लाख मुआवजा देने से बचने बीमा कंपनी 8 वर्ष तक मुकदमा लड़ा पर उसे हार ही मिली
बिलासपुर। द ओरिएंटल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने ट्रैक्टर से कुचलकर मासूम की मौत के मामले में अपने दायित्वों से बचने 8 वर्ष तक मुकदमा लड़ा किन्तु उसे हाई कोर्ट से हार ही मिली है।
ज्ञात सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2015 की सुबह 3 वर्षीय मासूम बच्ची अकलतरा क्षेत्र के ग्राम पोड़ी डेल्हा के कोयस्क बैंक के पास खड़ी थी। उसी समय सीमेंट से लोड ट्रैक्टर के चालक ने बच्ची को चपेट में ले लिया, उसकी मौके में ही मौत हो गई। अकलतरा पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई कर चालान पेश किया। बच्ची के अभिभावक ने दुर्घटना दावा पेश किया। दुर्घटना दावा अधिकरण जांजगीर ने ट्रैक्टर मालिक, चालक व बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से ढाई लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके खिलाफ द ओरियन्टल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर ने हाई कोर्ट में अपील की। बीमा कंपनी के अपील में 8 वर्ष बाद अंतिम निर्णय पारित हुआ जिसमें अपील को खारिज कर ट्रिब्यूनल के आदेश को यथावत रखा गया है।
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कंपनी की आपत्ति क्या थी
कंपनी ने अपनी अपील में कहा था कि ट्रैक्टर का कृषि कार्य के लिए बीमा था। दुर्घटना के समय ट्रैक्टर में सीमेंट भरा था। उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नही होने की बात कही गई, किन्तु बीमा कंपनी अपनी बातों को हाई कोर्ट में सिद्ध करने में विफल रहा। कोर्ट ने 8 वर्ष बाद बीमा कंपनी की अपील को खारिज किया है।
