नर्सिग कालेजों की सीटें हाई कोर्ट के  अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी

00 काउंसिल की अंतिम तिथि 22 अक्टूबर होने पर अवकाश में विशेष कोर्ट लगाई गई

बिलासपुर। बीएससी नर्सिंग प्रवेश में सीट कम किये जाने के खिलाफ संदीपनी अकादमी सहित अन्य की ओर से पेश याचिका में काउंसलिंग की अंतिम तिथि 22 अक्टूबर होने के कारण दीपावली अवकाश के बावजूद मंगलवार को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की विशेष कोर्ट लगाई गई। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ नर्सिग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व आयुष विवि को शेष सीटों की काउंसलिंग की में अन्नतिम रूप से शामिल करने व अनुमोदित सीटों को इस याचिका के अंतिम निर्णय से बाधित किया है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम चलाने के लिए प्रवेश क्षमता सक्षम प्राधिकारी छत्तीसगढ़ नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा अनुमोदित और प्रदान की गई है। ‘छत्तीसगढ़ नर्सेज पंजीकरण अधिनियम, 1972’ की धारा 24 के तहत अपने आदेश दिनांक 04-09-2025 के तहत। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा व चेयरमैन नर्सिग काउंसिल समिति ने कानूनी अधिकार के बिना और याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों को सुनवाई का अवसर दिए बिना मनमाने ढंग से काउंसलिंग की प्रक्रिया के दौरान उक्त प्रवेश कम कर दिया गया। आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा और काउंसलिंग समिति के अध्यक्ष की कार्रवाई मनमानी और अवैध है। राज्य अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा कुछ शर्तों के अनुसार मान्यता और संबद्धता प्रदान की गई थी, जिन्हें याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों द्वारा पूरा नहीं किया गया है, इसलिए उक्त आदेश पारित किया है। उन्होंने इस संबंध में एक विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करने का भी अनुरोध किया। इस न्यायालय द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सक्षम प्राधिकारी द्वारा याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, इस पर राज्य अधिवक्ता ने उत्तर दिया कि उन्हें आज इस तथ्य की जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि उन्हें प्राप्त निर्देश के अनुसार, काउंसलिंग की अंतिम तिथि 26.10.2025 तक बढ़ा दी जाएगी।  आयुष विवि वकील ने तर्क दिया कि आयुष द्वारा पहले ही याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों से संबद्धता प्रदान की जा चुकी है और उन्हें काउंसलिंग के दौरान याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों में शेष सीटों को शामिल करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

कोर्ट ने पक्षों के वकील को सुना है और अभिलेख का अत्यंत सावधानी से अवलोकन किया।

मामले के तथ्यों और संबंधित पक्षों के वकील द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों पर विचार करते हुए, इस तथ्य को देखते हुए कि आदेश दिनांक 04.09.2025 के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों को मान्यता और अनुमोदन प्रदान किया है और विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों/संस्थानों को संबद्धता प्रदान की है। रिकार्ड के अवलोकन करने पर यह स्पष्ट है कि पिछले वर्ष यानी 2024-2025 के शैक्षणिक वर्ष में, काउंसलिंग

समिति ने उसी प्रवेश क्षमता को मंजूरी दी है जो सीजीएनआरसी और विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित थी। इसके अलावा, इस तथ्य को देखते हुए कि आयुक्त चिकित्सा शिक्षा और चेयरमैन काउंसिल समिति ने काउंसलिंग की प्रक्रिया के दौरान उक्त प्रवेश को कम कर दिया है और जैसा कि याचिकाकर्ताओं के वकील द्वारा आरोप लगाया गया है कि सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना, याचिकाकर्ताओं के कॉलेजों के खिलाफ आदेश पारित किया है और निर्धारित प्रवेश/परामर्श की अंतिम तिथि , यानी 22.10.2025 है, जैसा कि अनुसार है।  उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, विशुद्ध रूप से एक अंतरिम उपाय के रूप में, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा और काउंसलिंग समिति को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ताओं के कॉलेज/संस्थान की शेष सीटों को अनंतिम रूप से शामिल करें, जिन्हें दिनांक 04.09.2025 के आदेश द्वारा अनुमोदित/अनुदानित किया गया है और ये सीटें इस याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी, केवल याचिकाकर्ताओं के कॉलेज/संस्थान के लिए अनिवार्य। इस मामले को नवंबर, 2025 के अंतिम सप्ताह में सूचीबद्ध करें। इस बीच, प्रतिवादियों के विद्वान अधिवक्ताओं को एक विस्तृत उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।

 

kamlesh Sharma

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