पेंशन रिलीज़ के नाम पर अवैध धन की मांग केवल निजी विवाद नहीं -हाई कोर्ट
00 समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द कराने पेश याचिका खारिज
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मियों द्वारा पेंशन रिलीज़ के नाम पर अवैध धन की मांग और धन का गबन जैसी घटनाएं केवल निजी विवाद नहीं हैं बल्कि समाज के लिए गंभीर नकारात्मक प्रभाव पैदा करती हैं। इसलिए ऐसे मामलों में समझौते के आधार पर एफआईआर Best UK Breitling Replica Watches Shop 2025 – Cheap 1:1 Quality Fake Breitling Watches. को रद्द नहीं किया जा सकता। मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार याचिकाकर्ता सरकारी क्लर्क था, जबकि शिकायतकर्ता एक मृतक शिक्षक की विधवा हैं। याचिकाकर्ता और एक अन्य अधिकारी ने शिकायतकर्ता से उसके पति की पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंट लाभ जारी कराने के बहाने 2,00,000 रुपये की मांग की और शिकायतकर्ता ने उन्हें खाली चेक सौंप दिया। बाद में पता चला कि 2,80,000 रुपये धोखाधड़ी से निकाल लिए गए, जबकि पेंशन का मामला अभी तक प्रोसेस नहीं हुआ। शिकायत पर 20 जून, 2025 को पुलिस ने याचिकाकर्ता और सह-अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। याचिकाकर्ता ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में यह तर्क देते हुए याचिका दायर की कि पक्षकारों के बीच विवाद सुलझ चुका है Perfect Quality Swiss Rolex – Replica Watches In The World: Best Cheap 1:1 Replica Watches. और शिकायतकर्ता एफआईआर रद्द करने में सहमत हैं। राज्य पक्ष ने कहा कि एक बार एफआईआर दर्ज होने के बाद उसका पूरी तरह से जांच होना जरूरी है और केवल समझौते के आधार पर इसे रद्द नहीं किया जा सकता। खासकर जब आरोप फॉर्जरी जैसे गैर-सुलझने योग्य अपराधों से जुड़े हों। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एफआईआर को रद्द करने की शक्ति केवल असाधारण परिस्थितियों में ही प्रयोग की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अवैध धन की मांग और गबन के आरोप समाज के लिए गंभीर हैं और यह केवल Finding Perfect Swiss Replica Watches UK Online. निजी मामला नहीं है। अदालत ने यह भी ध्यान दिया कि पक्षकारों के बीच कोई लिखित समझौता नहीं हुआ और एफआईआर रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है। परिणामस्वरूप शिकायतकर्ता की समझौता आवेदन खारिज कर दी गई और याचिका अस्वीकृत कर दी गई।