बिलासपुर । राज्य के स्कूलों में भृत्यों और अन्य चतुर्थ वर्ग कर्मियों की नियुक्ति अब तक नहीं किये जाने के मामले में हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी ।सचिव स्कूल शिक्षा के शपथपत्र में में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को स्वीकृत किये गये फंड के संबंध में कोई विवरण नहीं मिलने पर डीबी ने सवाल किया और महाधिवक्ता के अनुरोध पर शासन को 3 सप्ताह का समय जवाब देने को दिया गया है ।
हाल ही में समाचार माध्यमों में यह बात आई थी कि, शासकीय स्कूलों में शिक्षक ही चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का काम भी कर रहे हैं । इसमें यह उल्लेख भी था कि, स्कूल कि घंटी भी शिक्षक ही बजाने को मजबूर हैं क्योंकि वहां कोई भृत्य ही नहीं है । स्कूलों में केंद्र शासन कि योजना के तहत इन कर्मचारियों की भर्ती होनी थी। इस पर ही हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और सुनवाई के बाद पहले चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, से शपथपत्र माँगा था ।
स्कूलों को आवंटित धनराशि का विवरण जरूरी
आज पेश शपथपत्र के बाद कोर्ट ने कहा कि , उक्त शपथ पत्र काफी परेशान करने वाला प्रतीत होता है क्योंकि उक्त शपथ पत्र में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को स्वीकृत किये गये फंड के संबंध में कोई विवरण नहीं दिया गया है। शपथ पत्र के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि, 17.05.2010 को आई इस योजना के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में स्वीकृत पदों की संख्या 3052 थी तथा बिलासपुर जिले में मात्र 98 विद्यालय स्थापित किये गये जबकि पूरे प्रदेश में 218 विद्यालय स्थापित किये गये। उक्त योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 218 स्कूलों को जो धनराशि आवंटित की गई है, उसका विवरण सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। कोर्ट ने इस मामले में शासन को 3 सप्ताह का समय दिया है।