महासमुंद जेल में बंदी की मौत, हाई कोर्ट ने शासन से जवाब तलब किया
बिलासपुर । महासमुंद जिला जेल में 29 वर्षीय आदिवासी युवक नीरज भोई की 15 अगस्त 2024 को मौत हो गई थी ।इसे हिरासत में हत्या का मामला मानकर हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई गई थी। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।
ग्राम पिपरौद जिला महासमुंद निवासी नीरज भोई को धारा 103 , 3 (5 ) बीएनएस के तहत 12 अगस्त को गिरफ्तार कर शाम 5 बजे जिला जेल महासमुंद में दाखिल कराया गया था । जेल चिकित्सक डा संजय दावे ने मेडिकल परीक्षण में उसे डिप्रेशन और क्रोनिक एल्कोहलिक का मरीज पाया। नशे का आदि होने के कारण दुसरे दिन से वह असामान्य व्यवहार करने लगा । अन्य कैदियों पर थूकने और काटने लगा ,विड्राल सिम्पटम्स होने से यह सब करने लगा था। इसे अगले दिन भी जेल अस्पताल में दवाइयां दी गईं मगर कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ। 15 अगस्त को सुबह सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहाँ इसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में शिकायत होने पर इस मामले में जांच की गई । 31 जनवरी 2025 को पूरी हुई मजिस्ट्रेट जांच और 17 अगस्त 2024 की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के तहत डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई रिपोर्ट के अनुसार, युवक की मौत गला दबाने से हुई और उसके शरीर पर कुल 35 ताज़ा और गंभीर चोटों के निशान थे, जिनमें से 8 आंतरिक थीं जो जानलेवा साबित हुईं। 12 अगस्त 2024 को गिरफ्तारी और जेल में दाखिले के समय मेडिकल रिपोर्ट में उसके शरीर पर कोई चोट नहीं थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मौत जेल में दी गई यातना का परिणाम थी। 13 और 14 अगस्त की रातों को उसे मानसिक स्वास्थ्य समस्या के नाम पर लोहे के गेट से बांधकर खुले में छोड़ दिया गया और इलाज देने के बजाय शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई। मामले में सुनवाई के बाद गत सप्ताह हुई सुनवाई में कोर्ट ने शासन को इस मामले में दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है । अगली सुनवाई जून के अंतिम