हाई कोर्ट की फटकार के बाद भगत को सीई के पद में पदस्थ किया गया
बिलासपुर। जल संसाधन विभाग में रेगुलर अफसर रहते हुए एसई लिस्ट में सबसे नीचे वाले को प्रभारी बनाकर सीई की कुर्सी सौंप दी गई। प्रमोशन में हुई इस गड़बड़ी पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए एफआईआर की चेतावनी दी। इसके बाद सीनियारिटी के अनुसार पोस्टिंग दी गई।
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने नाराजगी जताते हुए विभाग के आला अफसर से पूछा कि नियम कानून क्यों नहीं मानते। याचिकाकर्ता के प्रकरण का अब तक निराकरण क्यों नहीं किया गया। यह तो अवमानना का मामला बनता है। हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी कर कहा है कि हम आखिरी मौका देते हैं, आज ही प्रकरण का निराकरण किया जाए नहीं तो एफआईआर के आदेश जारी किए जाएंगे। एफआईआर के डर से डिपार्टमेंट ने तत्काल फाइल चलाई और याचिकाकर्ता जेआर भगत को सीई बना दिया है।
जल संसाधन विभाग में कार्यपालन अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोशन किया गया था। प्रमोशन के बाद एसई की लिस्ट में अरुण साय फर्स्ट और सतीश कुमार टेकाम सीनियारिटी में 15 वें नंबर पर हैं। विभाग ने साय की वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए टेकाम को रायपुर जल संसाधन विभाग में सीई बना दिया। इसे लेकर अरुण साय ने आपत्ति जताई।