अपराध में लिप्त कर्मचारी पिछला वेतन प्राप्त करने का हकदार नहीं हो सकता है-हाई कोर्ट

बिलासपुर । हाईकोर्ट ने एक अपराध का दोषी ठहराए गया कर्मचारी पिछला वेतन पाने का हकदार नही हो सकता है।याचिकाकर्ता निलंबित नही बर्खास्त हुआ था। एकल पीठ ने कहा,  याचिकाकर्ता का मामला यह नहीं है कि, उसे निलंबित किया गया था और निलंबन रद्द करते हुए उसे बहाल करने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि उसे अधिकार क्षेत्र वाली आपराधिक अदालत द्वारा आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराए जाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, इसलिए मौलिक नियमों का नियम 54-बी लागू नहीं होगा।

याचिकाकर्ता राम प्रसाद नायक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड  में पर्यवेक्षक (सिविल) के पद पर कार्यरत था। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13(1)(डी) और 13(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, चूंकि तीन साल के भीतर मुकदमा समाप्त नहीं हो सका, इसलिए निलंबन रद्द कर दिया गया था। बाद में, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर की अदालत ने याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया और परिणामस्वरूप, उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। उसने उक्त सजा के खिलाफ अपील की और बाद में उसे बरी कर दिया गया। इस बीच, वह सेवानिवृत्ति के कारण सेवा से सेवानिवृत्त हो गया। बरी होने के बाद, याचिकाकर्ता ने पिछले वेतन की मांग करते हुए अधिकारियों के समक्ष कई अभ्यावेदन किए, फिर व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने उक्त आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता की सजा के खिलाफ पेश अपील पर 2018 में निर्णय पारित हुआ जिसमें उसे बरी किया गया था।

kamlesh Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *