पेपरलेस कोर्ट की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
” उच्च न्यायालय में दस्तावेजों का डिजिटाईजेशन सेंटर का शुभारंभ
तकनीकी संसाधनों का उपयोग न्यायपालिका को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए करना होगा-चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा
बिलासपुर। आज 25 जनवरी को छत्तीसगढ राज्य में पेपरलेस कोर्ट की अवधारणा को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण व ठोस कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दस्तावेजों को डिजिटाईज करने के लिए “डिजिटाईजेशन सेंटर” का शुभारंभ किया गया। “डिजिटाईजेशन सेंटर” का शुभारंभ मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, के द्वारा फीता काटकर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति द्वारा व्यक्त किया गया कि आज का समय तकनीकी व वर्चुअल सुनवाई का समय है और हम लोगों ने कोविड के दौरान् वर्चुअल माध्यम से सफलतापूर्वक केसेस की सुनवाई की है और पेपरलेस कोर्ट की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए “डिजिटाईजेशन सेंटर” का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसमें लंबित मामलों के दस्तावेजों का डिजिटाईजेशन किया जाएगा जिसके माध्यम से हम पेपरलेस कोर्ट की अवधारणा को तेजी से साकार कर सकेंगे। मुख्य न्यायाधिपति ने इस अवसर पर व्यक्त किया कि दस्तावेजों को डिजिटाईज़ करना एक महत्वपूर्ण व संवेदनशील कार्य है। दस्तावेजों को डिजिटाईज़ करते समय हमें सावधानी बरतनी होगी और ध्यान रखना होगा कि कोई भी दस्तावेज डिजिटाईज़ करते समय छूट न जाए और एक प्रकरण के दस्तावेज दूसरे प्रकरण में न संलग्न हों जाएं अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे।
उन्होंने इस अवसर पर व्यक्त किया कि दस्तावेजों के डिजिटाईजेशन की प्रक्रिया को हमें बहुत तेजी से पूर्ण करना है। इसके लिए हमें बहुत ही परिश्रम और मनोयोग से कार्य करना होगा ताकि हम समय पर दस्तावेजों के डिजिटाईजेशन को पूर्ण कर सकें । मुख्य न्यायाधिपति ने इस अवसर पर यह भी कहा कि टेक्नालाजी के बहुत फायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी हैं लेकिन हमेंतकनीकी का फायदा उठाते हुए इसका उपयोग न्यायपालिका के बेहतरी के लिए, पारदर्शिता के लिए व शीघ्र परिणाम देने के लिए करना होगा ।
“डिजिटाईजेशन सेंटर” का शुभारंभ कार्यक्रम श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, श्री न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, श्री न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी, श्री न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत, श्री न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल, श्री न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा, श्री न्यायमूर्ति बी.डी.गुरू, श्री न्यायमूर्ति ए. के. प्रसाद की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर माननीय रजिस्ट्रार जनरल श्री के. विनोद कुजूर, रजिस्ट्री के अधिकारीगण तथा राज्य न्यायिक अकादमी के अधिकारीगण तथा उच्च न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित थे।
