शरद पूर्णिमा पर छंदशाला का दो दिवसीय वृहद काव्योत्सव
शरद पूर्णिमा पर छंदशाला ने दो दिवसीय आयोजन किया। जिसमें सौ से अधिक लोग शामिल होकर गीत संगीत के रसधार में डूबे रहे ।
प्रथम दिवस शरद पूर्णिमा का आयोजन छंदशाला की संयोजिका डॉ सुनीता दामोदर मिश्र के आतिथ्य में उनके निज निवास में आयोजित किया जिसमें छंदशाला परिवार के साहित्यकार शामिल हुए।इस पारिवारिक कार्यक्रम में काव्य के साथ साथ सुगम संगीत की भी प्रस्तुति हुई। जिसमें शास्त्रीय गायन में सिद्धहस्त बालिका अमीषा तिवारी और कवि राजेंद्र तिवारी ने मां शारदे की वंदना से कार्यक्रम का प्रारंभ किया और अन्य सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी।उसके बाद दामोदर मिश्र ने हंगामा है क्यों बरपा और अन्य दो गुलाम अली की ग़ज़लों से कार्यक्रम को उंचाई पर पहूंचा दिया।उसके बाद गायिका अनीता केसरवानी ने भजनों के माध्यम से रस वर्षा की । सुगम संगीत कार्यक्रम में ढोलक पर शैलेंद्र गुप्ता, हारमोनियम पर अमीषा तिवारी और तबले पर राजेंद्र तिवारी ने संगति दी ।उसके बाद काव्य गंगा ऐसी बही कि शरद पूर्णिमा की रात चांद से अमृत और साहित्य प्रेमियों के मुख से गीत कविता पूरी रात झरती रही । प्रथम दिवस गोष्ठी में बुधराम यादव, ओमप्रकाश भट्ट,शैलेंद्र गुप्ता, अवधेश अग्रवाल, डॉ सुनीता मिश्रा,सुषमा पाठक, मनीषा भट्ट, पूर्णिमा तिवारी, विपुल तिवारी, रंजना गुप्ता,रवींद्र केसरवानी, दामोदर मिश्रा, राजेंद्र तिवारी, अमीषा तिवारी,राजकुमारी और अनीषा की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संचालन कामना पांडेय ने किया।
द्वितीय दिवस का आयोजन कल मंदिर परिसर चंदेला नगर में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक भाषाविद पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग छ.ग रहे ,विशिष्ट अतिथि ए .के .यदु साहित्यकार ,शाजिद अबानी और कार्यक्रम की अध्यक्षता कमल सिंह डहरिया पूर्व प्राचार्य ने किया। अतिथि सत्कार और प्रारंभिक उद्बोधन के बाद काव्यगोष्ठी का आरंभ हुआ।जिसका सफल संचालन सतीश पांडेय उद्यान ने किया।जिसमें डॉ सर्वेश पाठक , दीनदयाल यादव, राजेश सोनार,बसंत पांडेय ,डॉ संगीता बनाफर ,जगतारण डहिरे, राजेश्वर राव ,गिरीश त्रिवेदी,विष्णु तिवारी,डॉ दुर्गा प्रसाद मेरसा, रश्मि अग्रवाल,राकेश खरे, नरेंद्र पांडेय, राकेश पांडेय,बालमुकुंद श्रीवास,रमण किरण ,लोक कलाकार ,हिलेंद्र ठाकुर , श्रीराम यादव, हुप सिंह क्षत्रिय, डॉ ललिता यादव, रोशनी दीक्षित, प्रवेश भट्ट,शैलेंद्र गुप्ता, अवधेश भारत, ओमप्रकाश भट्ट, मनीषा भट्ट, पूर्णिमा तिवारी, विपुल तिवारी, बुधराम यादव, डॉ सुनीता मिश्रा सहित अनेक कवियों ने गीत और कविताओं से समां बांध दिया।