बिलासपुर । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में श्रेणी परिवर्तन के तहत सहायक लोको पायलट चयन में गड़बड़ी कर पात्र उम्मीदवार को नियुक्ति से वंचित किये जाने पर केट द्वारा दिए गए दोबारा शार्ट लिस्टिंग के आदेश को हाई कोर्ट ने भी यथावत रखा है। कोर्ट ने रेलवे की याचिका को खारिज कर केट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।
जे अनिल और शुभराम के मूल आवेदन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ( कैट”), बेंच जबलपुर, सर्किट सिटिंग बिलासपुर द्वारा अनुमति दी गई थी और प्रतिवादी अधिकारियों अर्थात याचिकाकर्ताओं को अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित सहायक लोको पायलट (एएलपी”) के पद पर चयन के विभिन्न चरणों में शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची को फिर से तैयार करने का निर्देश दिया था । आवेदकों का मामला यह था कि रेलवे ने अधिसूचना 14.08.2018 जारी की और एएलपी के 164 पदों सहित विभिन्न पदों का विज्ञापन दिया, क्योंकि मूल आवेदन के आवेदक अपेक्षित योग्यता रखते थे, उन्होंने इसके अनुसार ही आवेदन किया था । चयन प्रक्रिया कम्प्यूटर आधारित थी” और इसे ऑनलाइन आयोजित किया जाना था। उपरोक्त वर्णित 328 अभ्यर्थियों की आगे कम्प्यूटर जांच की गई। योग्यता परीक्षण ” में 104 उम्मीदवारों को सूचीबद्ध किया गया और उक्त उम्मीदवारों को बुलाया गया था । जस्टिस रजनी दुबे व् जस्टिस ए के प्रसाद की डीबी ने सुनवाई के बाद कहा कि केट ने ए एलपी पद के लिए चयन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए एक तर्कसंगत आदेश पारित किया है,। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची को बिना श्रेणी में बदलाव किए फिर से तैयार करने का निर्देश दिया है। उपरोक्त अभ्यास इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से 90 दिनों की अवधि के भीतर किया जाना चाहिए जिसे अवैध या मनमाना आदेश नहीं कहा जा सकता है।
आदेश का समय सीमा के भीतर पालन
, इन दोनों याचिकाओं को कैट द्वारा पारि 04.05.2023 के आदेश को बरकरार रखते हुए खारिज कर दिया गया और प्रतिवादी रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे कैट के इस आदेश का समय सीमा के भीतर पालन करें, यदि दिनांक 04.05.2023 के आदेश के खिलाफ कोई आदेश पारित किया गया है, तो वह इसी आदेश के अनुसार शासित होगा* इस अवलोकन के साथ ही कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया ।
जिनका सूची में नाम नहीं था उन्हें मेडिकल के लिए बुलाया गया
रेलवे द्वारा शार्ट लिस्ट जारी करने के बाद पात्र अभ्यर्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया। इसमें तीन ऐसे व्यक्ति थे जिनका सूची में नाम नहीं था। रेलवे को अभ्यावेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही की गई एवं सूची जारी की गई। इसके जे अनिल व शुभम ने केट में याचिका पेश की थी। केट ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी होने पर दोबारा शार्ट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ रेलवे ने याचिका पेश की थी।
