पुलिस निरीक्षक की वसूली राशि को रोककर समस्त सेवानिवृत्ति देयक देने का आदेश
बिलासपुर। विनोबानगर निवासी व्यासनारायण भारद्वाज, जिला जांजगीर-चांपा में निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे। 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के 02 (दो) वर्ष पश्चात् भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनके समस्त सेवानिवृत्ति देयक रोक दिया गया। उक्त कार्यवाही से क्षुब्ध होकर पुलिस इंसपेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज द्वारा अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश की। हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह इसके साथ ही थॉमस डेनियल विरूद्ध स्टेट ऑफ केरला के वाद में यह न्याय निर्णय दिया है कि किसी भी सेवानिवृत्त या तृतीय श्रेणी कर्मचारी से अधिक भुगतान का हवाला देकर वसूली नहीं की जा सकती है। याचिकाकर्ता 30 जून 2022 को पुलिस इंसपेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुये है एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन नियम) 1976 के नियम 9 के तहत् कोई शासकीय अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्ति के दिनांक को समस्त सेवानिवृत्ति देयक पाने का हकदार है ।पयाचिकाकर्ता के मामले में उक्त नियम 9 का उल्लंघन करते हुए उसके समस्त सेवानिवृत्ति देयक को रोक लिया गया है। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को रोककर उसके समस्त सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है। पुलिस विभाग द्वारा अधिक भुगतान की वसूली हेतु जारी आदेश का निराकरण उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात् होगा।
