केन्द्रीय सूचना आयोग अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता, याचिकाकर्ता को जानकारी देने का निर्देश
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने दर्रीघाट-पेंड्रीडीह राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का पारित एवार्ड के संबंध में जानकारी नहीं दिए जाने पर पेश याचिका में केन्द्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली को प्रकरण पंजीबद्ब कर याचिकाकर्ता को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा आयोग अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है। दर्रीघाट बाईपास भूमि अर्जन मुआवजा वितरण में गड़बड़ी का मामला।
वर्ष 2०11-2०12 में दर्रीघाट-पेंड्रीडीह राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 21 गांव की जमीन अधिग्रहण करने अधिसूचना जारी किया गया। इसके बाद भूमि अधिग्रहण कर जनवरी 2०13 में एवार्ड पारित किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए हेमूनगर निवासी संजय सिंह की जमीन अधिग्रहित किया गया। सही मुआवजा नहीं मिलने पर भू स्वामी संजय सिंह ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2००5 के तहत आवेदन देकर उक्त मार्ग के भूमि अधिग्रहण के एवज में एनएचएआई ने कितना एवार्ड पारित किया इसकी जानकारी मांगी। उप पंजीयक द्बारा क्ष्ोत्राधिकार नहीं होने पर जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने द्बितीय अपील पेश की। यहां से भी जानकारी नहीं मिलने पर उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली में आवेदन दिया। याचिकाकर्ता के पक्ष को सुने बिना केन्द्रीय सूचना आयोग ने प्रकरण को वापस राज्य शासन को भ्ोज दिया। इसके खिलाफ उन्होंने 2०19 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। मामले में जस्टिस संजय एस अग्रवाल की कोर्ट में 3० अगस्त को अंतिम सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभिलेख के अवलोकन से प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता द्बारा आवेदन किया गया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के मामले को केन्द्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली को वापस भ्ोजा गया है। आयोग को कानून के अनुसार मांगी गई जानकारी देने का निर्देश दिया है।

kamlesh Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *