बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारक सहायक शिक्षकों एवं शासन की उक्त एसएलपी को दूसरी बार खारिज किया है जिसमें बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक प्राइमरी स्कूल के अपात्र किया गया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ उक्त आदेश से प्रभावित शिक्षकों एवं शासन ने सुप्रीम कोर्ट में पहले याचिका पेश की थी। याचिका खारिज होने के बाद दूसरी बार एसएलपी प्रस्तुत किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एसएलपी को खारिज कर आदेश जारी किया है। प्रदेश के लगभग 6285 बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षक इस आदेश से प्रभावित होंगे।
ज्ञात होगी छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में 2023 में 12489 पदों का विज्ञापन जारी हुआ जिसमें से 6285 पद सहायक शिक्षक के थे चूंकि सहायक शिक्षक की योग्यता को लेकर छत्तीसगढ़ में मामला लंबित था, छत्तीसगढ़ राज्य में सहायक शिक्षकों की पदों पर भी बीएड धारकों को शर्तों के आधार पर नियुक्तियां दे दी गई 2 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की हाई कोर्ट ने बीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए अमान्य माना तथा शिक्षा विभाग को या आदेश दिया कि 42 दिनों के अंदर पुनरीक्षित सूची जारी कर डिप्लोमा धारकों को नियुक्तियां दे दी जाए इस फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य तथा बीएड डिग्री धारकों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर राज्य सरकार की दो एसएलपी तथा बीएड धारकों की 6 एसएलपी को खारिज कर दिया आज
4 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट का आर्डर कॉपी जारी हो चुका है जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को सही माना है तथा यह भी कहा है कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने 4 सितंबर 2023 को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को बीएड उम्मीदवारों की योग्यता को प्राइमरी के लिए अवैध माना तथा इसके लिए सभी राज्यों को सूचनार्थ जारी कर दिए गए थे, बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में नियुक्तियां दी गई जो की पूरी तरह से अवैध है ।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी 8 एसएलपी को खारिज करते हुए राज्य शासन को यह आदेशित किया है कि जल्द से जल्द डिप्लोमा धारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दिया जाएगा।
