तीन अबोध असहाय बच्चों व उनकी मां की हत्या के आरोपी को मृत्युदंड की सजा
०० मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम हिर्री में 1 जनवरी 2024 को आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया था
बिलासपुर। दशम अपर सत्र न्यायाधीश बिलासपुर ने तीन अबोध, असहाय बच्चों एवं उसकी मां की निर्ममता पूर्वक गला घोंटकर हत्या करने के आरोपी के गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्युु न हो जाए या प्राणांत न हो जाए। न्यायालय ने मामले को विरलतम से विरलतम पाया है।
मस्तूरी थाना क्ष्ोत्र के ग्राम हिर्री निवासी आरोपी उमेंद केंवट पिता परदेशी केंवट उम्र 34 वर्ष अपनी पत्नी सुक्रिता केंवट के चरित्र पर संदेह करता था। 1 जनवरी 2024 को परिवार के सभी सदस्य नए वर्ष पर रात में केक काट कर खुशी मनाने के बाद सभी अपने कमरे में चले गए। रात 11 से 3 बजे के बीच आरोपी उमेंद केंवट उसकी पत्नी सुक्रिता बाड़ी की ओर गई थी, तभी आरोपी पीछे से उसके गले में रस्सी डाल पीठ में लात रखकर रस्सी कस कर उसकी हत्या कर दी। पत्नी की हत्या के बाद आरोपी कमरे में आया और गहरी नींद में सोई बेटी खुशी उम्र 5 वर्ष, लिसा उम्र 3 वर्ष एवं 18 माह के पुत्र पवन की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। चारों की हत्या करने के बाद आरोपी ने घर के मयार में रस्सी बांध कर फांसी लगाने की कौशिश की। रस्सी टूटने से वह नीचे गिर गया। रात 3 बजे वह मस्तूरी थाना पहुंचकर स्वयं पुलिस कर्मियों को पत्नी व तीन बच्चों की हत्या करने की जानकारी दी। रात 3, 3० बजे पुलिस कर्मी उसे लेकर मौके में गए। मौके में पुलिस कर्मियों ने आरोपी के पिता, मां एवं परिवार के अन्य लोगों को उठाया। मृतका के भाई सुमंत को फोन से इसकी सूचना दी गई। सुमंत ने मामले की रिपोर्ट लिखाई। सुक्रिता की लाश बाड़ी में बाथरूम के पास अौंध्ो मुंह गिरे हालत में थी व तीनों बच्चों के शव पलंग में चित पड़ा हुआ था। मस्तूरी पुलिस ने विवेचना उपरांत न्यायालय में चार बार 302 का चालान पेश किया। मामले की दशम अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। प्रतिपरीक्षण के दौरान आरोपी के पिता परदेशी, मां, पड़ोसी व अन्य 16 गवाह का बयान दर्ज किया। सभी गवाहों ने रात के समय आरोपी के घर में होने की पुष्टि की। परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आरोपी के खिलाफ अपराध सिद्ध पाया गया। न्यायालय ने सोते समय तीनों बच्चों का गला रस्सी से दबाया जाना प्रमाणित पाया, तीनों इस पाश्विक आक्रमण का विरोध करने की स्थिति में नहीं थ्ो। वास्तव में जिससे सहायता व रक्षा की अपेक्षा की जाती है, उसने इसके विपरीत उनकी निर्दयता से हत्या कर दी। यह बर्बरता की पराकाष्ठा है। इस नृशंस एवं हृदयहीन को धिक्कारने के लिए कड़े शब्द भी कम पड़ेगे। न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय एवं विभन्न हाईकोर्ट के न्यायदृष्टांत का उल्लेख करते हुए आरोपी उमेंद केंवट को धारा 302 चार बार के लिए मृत्युदंड एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने कहा है कि आरोपी को उसके गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। न्यायालय ने सजा की पुष्टि के लिए मामले कोे हाईकोर्ट भ्ोजने का निर्देश दिया है।
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पांच माह में निर्णय पारित हुआ
वारदाम 1 जनवरी 2024 की रात हुई। मस्तूरी पुलिस ने 2 जनवरी 2024 को हिरासत में लिया व अदालत के आदेश पर जेल दाखिल किया। मामले में मार्च में न्यायालय में चालान पेश की गया। 6 मार्च 2024 को न्यायालय ने प्रकरण को संस्थित किया। 16 गवाहों का प्रतिपरीक्षण एवं 54 दस्तावेज का परीक्षण उपरांत 13 अगस्त 2024 को निर्णय पारित किया गया। कोर्ट ने चालान प्रस्तुत होने के बाद 5 माह में सुनवाई पूरी कर निर्णय पारित किया है।

kamlesh Sharma

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