हाईकोर्ट से ऑप्टोमेट्री एवं एम. एल. टी. के विद्यार्थियों को मिली बड़ी राहत, अब पा सकेंगे शासकीय नौकरी
बिलासपुर। चिकित्सा क्षेत्र में पैरामेडिकल विज्ञान के दक्ष विशेषज्ञों की महती आवश्यकता है। राज्य में विभिन्न शासकीय एवं गैर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय तथा चिकित्सालयों की सफलता निदान प्रक्रिया पर निर्भर करता है। पैरामेडिकल स्टाफ की दक्षता से चिकित्सक रोगी की बीमारी पर सही उपचार को अंतिम रूप देते हैं।
श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में ऑप्टोमेट्री (आंख की जांच) हेतु स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम एवं बी.एस.सी. एम.एल.टी. के पाठ्यक्रम संचालित हैं। यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण विद्यार्थियों का पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किया जा रहा था। जिस कारण ये विद्यार्थी छत्तीसगढ़ शासन के शासकीय नौकरी से वंचित हो रहे थे। इस पर व्यथित होकर उत्तीर्ण विद्यार्थियों द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा विश्वविद्यालय को डिग्री प्रदान करने का अधिकार है, और छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल को प्रविष्टियों पर विचार करने और पंजीकृत करने का अधिकार है। पैरामेडिकल के चिकित्सक, विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ताओं को यूजीसी की धारा 22(1) के अनुसार डिग्री प्रदान की है। अधिनियम, 1956 और पैरामेडिकल काउंसिल ने याचिकाकर्ताओं के नाम पंजीकृत नहीं किए हैं। पैरामेडिकल काउंसिल को इस निर्देश के साथ याचिका का निपटारा किया जाता है कि वह इस संबंध में प्रविष्टियां पर विचार कर याचिकाकर्ताओं को परिषद के रजिस्टर में उनका नाम दर्ज करके पंजीकरण प्रदान करें। रजिस्टर में याचिकाकर्ताओं का नाम उचित समय तक रखा और बनाए रखा जाए। प्रैक्टिस का अपेक्षित प्रमाणपत्र जारी करने का भी निर्देश दिया है। यदि यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ताओं ने गलत तरीके से डिग्री प्राप्त की है, तो पैरामेडिकल काउंसिल अधिनियम, 2001 की धारा 40 के तहत याचिकाकर्ताओं की प्रविष्टियों पर रोक लगाने के लिए स्वतंत्र होगा। हाई कोर्ट के इस निर्णय से श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण 500 से अधिक पैरामेडिकल विद्यार्थियों के पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन का मार्ग खुल गया , तथा उन्हें विधिवत् रूप से कार्य करने हेतु आवश्यक प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो जायेगा। जिससे वे विभिन् न छत्तीसगढ़ शासन एवं केंद्र शासन के शासकीय व अशासकीय चिकित्सा क्षेत्रों में रोजगार पा सकेंगे।

kamlesh Sharma

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