बिलासपुर । गाँव की जमीन पर नियमों के विपरीत स्पंज आयरन प्लांट लगाने के खिलाफ पेश जनहित याचिका में हाई कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या राज्य शासन मौके में जय बिना सभी निर्णय लेता है। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तब पर्यवारण विभाग ने अनुमति कैसे दी है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन , पर्यावरण बोर्ड और स्पंज आयरन को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
बलौदाबाजार जिले के खजूरी गाँव में अनिमेष पावर प्लांट लगा हुआ है । इसी जगह पर अब स्पंज आयरन प्लांट भी लगाया जा रहा है इसके लिए अलग से जमीन भी अतिक्रमित की गई है । ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए इसे औद्योगिक क्षेत्र में बनाने की मांग करते हुए प्रशासन से भी शिकायत की। कलेक्टर और एसडीएम से लिखित शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय निवासी दिलीप कुमार पाण्डेय व अन्य ने एडवोकेट अच्युत तिवारी के जरिये एक जनहित याचिका पेश की । चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में मामले की सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि, नदी, नाले के किनारे, रिहायशी इलाके या वन क्षेत्र में इस प्रकार का प्लांट नहीं लगाया जा सकता है । पर्यावरण विभाग भी इसकी अनुमति नहीं देता है । यह इलाका शिवनाथ नदी के बिलकुल करीब है आस पास कई गाँव और जंगल भी है यहाँ का पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होगा ।
विरोध के बाद भी अनुमति कैसे दे दी । सुनवाई में कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से एसडीम से पूछा कि इस जगह का डायवर्सन कैसे कर दिया गया । पर्यावरण बोर्ड के वकील से कहा कि, गाँव वालों के विरोध के बाद भी अनुमति कैसे दे दी गई । चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, शासन क्या ऐसे ही बिना स्पॉट पर पहुंचे सब निर्णय कर लेता है । इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य शासन . पर्यावरण बोर्ड और स्पंज आयरन प्लांट से 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है ।
