पत्नी की मौत के बाद कामवासना से ग्रसित पिता की अपनी ही 11 वर्षीय बेटी पर नियत डोल गई
00 हाई कोर्ट ने सजा के खिलाफ पेश अपील को खारिज किया
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ निवासी आरोपी के पत्नी की मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद कामवासना से ग्रसित पिता की नीयत अपनी मासूम बेटी पर डोल गई। वह शराब पीकर बेटी के साथ ही गलत हरकत करने लगा था। बच्ची की बड़ी मा को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई। पुलिस ने जुर्म दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा के खिलाफ उसने अपील पेश की थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने सुनवाई की । कोर्ट ने मासूम के बयान को पर्याप्त साक्ष्य मानते हुए अपील खारिज की है।
जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 3 साल तक अपनी ही बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने के दोषी व्यक्ति को दोषसिद्धि के बाद आजीवन कारावास की सजा दी थी। इस सजा के विरुद्ध दोषी पिता ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के समक्ष दोषी-अपीलकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ने मामले को पर्याप्त रूप से साबित नहीं किया है। पीड़ित की चिकित्सा जांच किसी भी आंतरिक या बाहरी चोट को स्पष्ट करने में विफल रही है। यह भी तर्क दिया गया कि पीड़िता की गवाही के अलावा, आरोपों का समर्थन करने वाले विश्वसनीय सबूतों की कमी है, और चिकित्सा साक्ष्य उसके दावों की पुष्टि करने में विफल हैं। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की गवाही इस मामले में पर्याप्त है। उसने स्पष्ट तौर पर पिता द्वारा रेप करने का उल्लेख किया है। पिता ने किसी को बताने पर नुकसान पहुचाने की भी धमकी दी। अपराध साबित करने के लिए यह पर्याप्त है।
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विचारण न्यायालय ने मामले में 13 गवाहों के प्रतिपरीक्षण किया था। जिसमे बच्ची के स्कूल के दाखिल खारिज को भी शामिल किया गया। दाखिल खारिज के अनुसार उसकी जन्म तिथि 2010 है। बच्ची महज 8-9 वर्ष की थी तभी से वह उसके साथ मानवता को शर्मसार करने वाला हरकत कर रहा था।
