2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 6752 लोगों की जान गई
०० न्याय मित्रों ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
बिलासपुर। प्रदेश भर में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आज चीफ जस्टिस की डीबी में से जस्टिस विभु दत्त गुरु ने एक्सेप्शन ले लिया। इसकी वजह से सुनवाई आगे बढा दी गई है। अब नये सिरे से निर्धारित डिवीजन बेंच में सुनवाई होगी। मामले में न्यायमित्र ने वर्ष 2023 एवं 2024 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े पेश किया। इस में पिछले वर्ष 6752 लोगों की जान गई है।
पिछले कुछ माह में प्रदेश में अलग अलग इलाकों में बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं। इनमें पिकअप वैन नहर में गिरने से पांच आदिवासियों की मौत का मामला और दूसरे कई मामले सामने आये जिनकी खबर समाचार माध्यमों में प्रकाशित हुई थी। इन सब मामलों को संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की। इसमें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रवींद्र शर्मा और अपूर्व त्रिपाठी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। रवींद्र शर्मा ने 28.अप्रैल .2025 को एक मेमो दाखिल कर बताया था कि, विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित खबरें संलग्न हैं, जिनसे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2023 और 2024 के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं, जिनमें कुल दुर्घटनाओं, मृतकों की संख्या और घायलों की संख्या दर्शाई गई है। 2023 में 13,468 दुर्घटनाएं, 6,166 मौतें, 11,723 घायल हुए सन 2024 में 14,853 दुर्घटनाएं, 6,752 मौतें, 12,573 घायल हुए। दुर्घटनाओं में 10.28 प्रतिशत मौतों में 9.50 प्रतिशत और घायलों में 7.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है उन्होंने रायपुर, दुर्ग, जांजगीर, सक्ती और मुंगेली जिलों में पहचाने गए ’’ब्लैक स्पॉट’’ (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) के ठीक न होने पर भी ध्यान आकर्षित किया।
इस मामले में आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभुदत्त गुरु की डिवीजन बेंच में जब सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस गुरु ने अपनी ओर से एक्सेप्शन पेश किया। वह चूंकि पक्षकारों में से पुर्व में एक के अधिवक्ता रह चुके हैं , इसलिए आज इस प्रकरण पर सुनवाई रोक दी गई। अब नये सिरे से दूसरी डीबी में इसकी सुनवाई होगी।
परिवहन सचिव से माँगा था हलफनामा
छत्तीसगढ़ राज्य के परिवहन विभाग के सचिव को कोर्ट कमिश्नर रवींद्र शर्मा द्बारा दायर दस्तावेजों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था। इसमें 2023-24 के सड़क दुर्घटना के आंकड़ों से पता चलता है कि स्ट्रीट लाइट की अनुपलब्धता, खराब सड़कों और सड़क किनारे आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है, जिससे मानव जीवन और आवारा पशुओं दोनों को नुकसान हुआ है।