सुकमा जिले में भालू की क्रूरतापूर्वक पिटाई, हाईकोर्ट ने कहा आप वाइल्ड लाईफ की सुरक्षा नहीं कर पा रहें
०० पीसीसीएफ को शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने सुकमा जिले में ग्रामीणों द्बारा भालू को बांध कर बेरहमी व क्रूरतापूर्वक पिटाई कर मारने की घटना को जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि आप वन्य जीव की ही रक्षा नहीं कर पा रहें। उन्होंने पीसीसीएफ से शपथ पत्र में जवाब प्रस्तुत करने एवं मामले को अगली सुनवाई हेतु 29 अप्रैल को रखा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विभिन्न सोशल मीडिया में सुकमा जिले में ग्रामीण भालू को बांधकर बेरहमी से पिटाई करते एवं भालू को करूणकरंदन करने का वीडियो वायरल हुआ। ग्रामीणों की इस क्रूरतापूर्ण कार्य को लेकर सामाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हुआ। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा ने स्वत संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में प्रकरण को पंजीबद्ध कर सुनवाई प्रारंभ की है। मंगलवार को चीफ जस्टिस की डीबी में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले को शासन ने संज्ञान में लिया है। मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष आरोपितों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ब किया गया है। जल्दी ही और लोगों की गिरफ्तारी होगी। शासन के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा कि आप वन्य जीव की रक्षा नहीं कर पा रहें। विभाग का क्या मतलब है। इसके साथ कोर्ट ने पीसीसीएफ से शपथपत्र में जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।