थाने में बेल लेने आये पार्षद को फिर भेजा जेल
० हाईकोर्ट ने दिया 24 घंटे में रिहा करने का आदेश
बिलासपुर । जमानत लेने पहुंचे भिलाई के एक भाजपा पार्षद को पुलिस ने एक पुराना मामला बताकर दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । इस मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की पिटीशन पर धारा 482 के तहत सुनवाई करते हुए जमानत प्रदान कर दी इस आदेश को डिस्ट्रिक्ट जज दुर्ग को प्रेषित कर उसे 24 घंटे में जेल से छोड़े जाने का आदेश दिया।
भिलाई में हुए एक मामले में कश्मा यादव ने गत 21 मार्च 2023 को धारा 420 व् 34 के तहत एन धनराजू व् अरविन्द भाई के खिलाफ एफ आई आर वैशाली नगर थाने में दर्ज कराई थी । इसे ही एक आरोपी एन धनराजू ने हाईकोर्ट में चुनौती दी इसी मामले में वर्तमान याचिकाकर्ता संतोष उर्फ़ जालंधर सिंह भाजपा पार्षद को भी आरोपी बनाया गया था । हाईकोर्ट ने गत 29 जनवरी 2025 को डीजीपी और दुर्ग एसपी से इस बात पर शपथपत्र माँगा कि , अब तक अन्वेषण (इन्वेस्टिगेशन) पूरा क्यों नहीं किया गया ।दुर्ग एसपी ने जो व्यक्तिगत शपथपत्र पह किया उसे कोर्ट ने असंतुष्ट होकर नामंजूर कर दिया । इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी से शपथपत्र माँगा 21 फरवरी 2025 को शपथपत्र पेश कर बताया गया कि , जिन पुलिस अफसरों ने इन्वेस्टिगेशन में देर की और लंबित रखा है , उनके खिलाफ कार्रर्वाई कि जा रही है । हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह में जांच खत्म करने का आदेश देते हुए उस याचिका को निराकृत कर दिया
जालंधर सिंह को भी हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान की थी जब जलंधर 3 मार्च को प्राप्त बेल बांड के आधार पर वैशाली नगर थाने पहुंचा तो उसे प्रभारी थानेदार अमित अंदानी ने एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसे ही याचिकाकर्ता ने एडवोकेट बी पी सिंह के माध्यम से क्रिमिनल पिटीशन दायर कर फिर चुनौती दी। एडवोकेट सिंह ने तर्क रखा कि , 2017 में हुए मामले में अब 8 साल बाद आरोपित किया जा रहा है ।यह आरोप वह अधिकारी लगा रहा है , जिसने पहले ही जांच में गड़बड़ी की हुई है और डीजीपी ने दण्डित भी किया है एडवोकेट सिंह ने अर्नब गोस्वामी वि महाराष्ट्र शासन का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि , याचिकाकर्ता को अवैधानिक तरीके से अभियोजित कर जेल भेजा गया है , उन्हें रिहाई का अधिकार है चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी ने सुनवाई के बाद संतोष सिंह उर्फ़ जलंधर सिंह को 24 घंटे के अंदर रिहा करने का निर्देश दिया इसके साथ ही अगली सुनवाई 24 मार्च को निर्धारित की है कोर्ट ने इस आदेश की प्रति डीजीपी और डीजे दुर्ग को भेजने का निर्देश दिया है ताकि , सबंधित मजिस्ट्रेट प्रेषित आदेश का शीघ्र पालन करने का निर्देश दिया है।