हाई कोर्ट से आईपीएस जीपी सिंह को मिली बड़ी राहत
00 कोर्ट ने सम्पूर्ण कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण पूर्ण करार दिया, ईसी आई आर भी अपास्त
बिलासपुर । हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ एफआईआर के आधार पर हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट नई दिल्ली द्वारा दर्ज की गई इसीआईआर को भी अपास्त करने का आदेश दिया है * इसके साथ ही जरी किये गये दोनों नोटिस भी रद्द हो गए हैं ।
इससे पूर्व जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रद्द कर दिया था. जबकि उनके माता-पिता का देहावसान हो चुका है, जिसके चलते उनके माता-पिता के ऊपर केस खत्म हो चुका है* चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में जीपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया था कि मनप्रीत कौर विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों में बतौर गेस्ट लेक्चरर काम करती थीं. मनप्रीत कौर की क्वालिफिकेशन एमएससी लाइफ साइंस के अलावा लाइफ साइंस में पीएचडी भी है. उनकी पीसी कल्चर में स्पेशलाइजेशन है. शादी से पहले उन्होंने ट्यूशन और नौकरी के माध्यम से कमाए गए पैसों से सेविंग की थी. शादी के बाद उन्होंने एजुकेशनल कंसलटेंट और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की क्लासेस शुरू की थी.* इसके बाद आज इसी डिवीजन बेंच ने सिंह के खिलाफ हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट नई दिल्ली की ओर से एफ़आई आर के आधार पर दर्ज इसीआईआर को अपास्त करते हुए दोनों नोटिस भी इस आधार पर निरस्त किये कि , उनके खिलाफ दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की गई थी *
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में डीबी ने कहा कि , चूंकि संबंधित अपराध से संबंधित संपूर्ण आपराधिक कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण जांच पर आधारित थी, जिसमें कोई दम नहीं था, जिसे इस न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था, भले ही विचाराधीन ईसीआईआर को आंतरिक दस्तावेज होने के कारण रद्द नहीं किया जा सकता है, पीएमएलए की धारा 3 के तहत पंजीकृत ईसीआईआर/18/एचआईयू/2021 दिनांक 09.08.2021 से उत्पन्न संपूर्ण कार्यवाही जिसमें याचिकाकर्ता को जारी दिनांक 13.10.2021 और 08.11.2023 के नोटिस भी शामिल हैं, उन्हने भी रद्द किया जाता है, इसके साथ ही , यह याचिका स्वीकार कर ली गई । सिंह की ओर से अधिवक्ता हिमांशु पांडेय ने पैरवी की है।

kamlesh Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *