मेयर पद के आरक्षण व नगरीय निकाय चुनाव अधिसूचना को रद्द करने पेश याचिका खारिज
बिलासपुर। जस्टिस बिभू दत्त गुरु ने नगरीय निकाय चुनाव में मेयर पद के आरक्षण में मनमानी, अनियमितता होने पर 15 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना तथा चुनाव पर रोक लगाने पेश सभी याचिका को खारिज किया है।
एवज देवांगन, डोमेश देवांगन सहित अन्य ने नगरीय निकाय चुनाव 2025 में प्रदेश के सभी नगर निगम में मेयर पद के आरक्षण में प्रक्रिया का पालन नहीं कर अनियमितता का आरोप लगया था। याचिका में कहा गया कि 7 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना की
संपूर्ण कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी
साथ ही 20-1-2025 को जारी चुनाव अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई महापौर पद का आरक्षण मनमाना, अनुचित, भेदभावपूर्ण, अनधिकृत, अनुचित और अवैध होने की बात कही गई।.भारत के संविधान में अनुच्छेद 243T में शामिल किया गया सीटों का आरक्षण निर्धारित है.। 2011 की सामान्य जनगणना के अनुसार अधिकतम जनसंख्या। इसलिए,बाकी ग्यारह नगर निगमों में मेयर का पद ही चक्रित होगा चार श्रेणियों में अर्थात ओबीसी, ओबीसी महिला वर्ग, अनारक्षित एवं अनारक्षित महिला वर्ग के लिए होना चाहिए। राज्य की ओर से जवाब प्रस्तुत कर कहा गया कि याचिकाकर्ता की शिकायत पूरी तरह से गलत है और इसका कोई कारण नहीं है याचिकाकर्ता द्वारा शक्ति का प्रयोग करने के लिए इसे सामने लाया गया है।मामले की पूरी जानकारी का खुलासा नहीं किया है । 07.01.2025 को आरक्षण कार्यवाही आयोजित की गई नगर निगम के महापौर पद का आरक्षण एवं अधिसूचना दिनांक 15.01.2025 सभी परिणामी सहित राज्य द्वारा जारी की गई
नगरपालिका के मेयर के पद आरक्षित कर दिया गया है। उनका कहना था कि एसटी और एससी आरक्षण लंबवत रूप से किया जाता है जबकि, ओबीसी और के लिए आरक्षण महिला (सभी अभ्यर्थियों में) क्षैतिज आरक्षण के आधार पर किया जाता है ।ओबीसी महिला और यूआर महिला के लिए साइकिल जो थी 2004 से 2014 और 2019 तक लॉट द्वारा तैयार किया गया इसके बाद, महिला आरक्षण के संबंध में नया चक्र चलाया गया । राजनांदगांव, चिरमिरी, रिसाली और जगदलपुर नगर निगम ओबीसी और यूआर महिला के लिए ड्रा द्वारा निगमों का चयन किया गया । अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को उनकी जनसंख्या के अनुपात के आधार पर दिया जाएगा । अधिकतम 50% सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी। महिला एसटी, महिला एससी और ओबीसी महिला और के लिए क्षैतिज आरक्षण यूआर महिला का कार्य लाटरी निकालकर एवं प्रक्रिया अपनाकर किया जाता है ।
राजनांदगांव निगम की सीटों का चयन ड्रा द्वारा ओबीसी के लिए किया गया श्रेणियों और वर्ष 2009 में चिरमिरी, दुर्ग और का आरक्षण भिलाई निगम की सीटों का चयन ड्रा द्वारा ओबीसी के लिए किया गया वर्ग। वर्ष 2014 में बिरगांव, जगदलपुर और का आरक्षण बिलासपुर निगमों को ड्रा में ओबीसी आरक्षण का मौका मिला है बहुत सारे. इस प्रकार, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि घूर्णन का चक्र कहाँ से पूरा हुआ 2014 और 2019 से नया चक्र शुरू होता है, जिसके द्वारा ड्रा में राजनांदगांव, कोरबा और धमतरी का चयन किया गया। में वर्तमान वर्ष 2025, रोटेशन का दूसरा चक्र (2019 से आगे), दराजनांदगांव, कोरबा और धमतरी को लॉट से बाहर कर दिया गया
शेष लॉट शेष स्थानीय निकायों और द्वारा निकाले गए।
भिलाई, चरोदा भिलाई, बिलासपुर और दुर्ग आरक्षित हो गए ओबीसी उम्मीदवारों के लिए। कार्यवाही के दौरान यानी पर 07.01. 2025 कई नेता मौजूद रहे और आठ आपत्तियां आईं। जिन पर विधिवत विचार किया गया और मौके पर ही निर्णय लिया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा अधिसूचना और संपूर्ण अधिसूचना में अवैधता या अनियमितता कार्यवाही नहीं है, यह निष्पक्ष एवं उचित है। इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है । वैसे भी जब से चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हुई है। इसलिए यह न्यायालय चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। सभी याचिकाएं, बिना आधार के, होने के कारण खारिज कर दिया गया।
